भारत बहुत सारे राज्यों से मिलकर बना है और वह सभी राज्य जिले से मिलकर बने हैं। यहां एक से बढ़कर एक बड़े-बड़े राज्य, जिला और शहर हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग पहचान है। हर शहर अलग-अलग महत्व के लिए जाना जाता है। कुछ शहर ऐसे हैं, जहां रहना-खाना हर किसी के बस की बात नहीं है, तो कुछ शहर ऐसे भी हैं, जहां लोग कमाने के साथ-साथ अपने परिवार का भरण-पोषण भी अच्छी तरह से कर रहे हैं। कुछ शहर उद्योग के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर ऐसे हैं, जहां लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए पहुंचते हैं। कुछ शहर शिक्षा का गढ़ माना जाता है, तो कुछ शहर ऐसा भी है, जो पर्यटन स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है।
पिछले कई आर्टिकल्स में हम आपको यह बता चुके हैं कि देश का सबसे महंगा शहर कौन सा है, देश का सबसे बड़ा जिला कौन सा है। आज हम आपको भारत का सबसे छोटा जिला से रूबरू करवाएंगे, यहां एक छोर से दूसरे छोर तक लोग पैदल भी जा सकते हैं।

भारत का सबसे छोटा जिला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कुल 4000 से भी अधिक शहर है। वहीं, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की बात करें, तो यहां कुल मिलाकर 797 जिले हैं। बता दें कि जिले क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से बनाए जाते हैं। यहां रहने वाले लोगों को सारी सुख सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में आज हम आपको सबसे छोटा जिला के बारे में बताएंगे। इसके बारे में जानकारी रखना सामान्य ज्ञान के लिहाज से बेहद जरूरी है।
माहे जिला (Mahe District)
दरअसल, भारत का सबसे छोटा जिला पुडुचेरी का माहे जिला है। बता दें कि पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है। क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का सबसे छोटा जिला है, जो कि केवल 9 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके एक तरफ अरब सागर है, तो दूसरी तरफ यह केरल राज्य की सीमा से गिरा हुआ है।
भारत का फ्रांसीसी शहर (French City of India)
यहां रहने वाले स्थानीय लोग मलयालम के साथ-साथ फ्रांसीसी भाषा बोलते हैं, इसलिए इस शहर को भारत का फ्रांसीसी शहर भी कहा जाता है। यहां की इमारतें फ्रांस में बनी इमारत की तर्ज पर बनाया गया था, इसलिए यह फ्रांसीसी शहर के नाम पर भी प्रसिद्ध है। यहां आपको देशी और विदेशी दोनों कल्चर देखने को मिलेंगे।