Tirupati Laddu Case: इस वक्त चारों ओर तिरुपति मंदिर के लड्डू को लेकर विवाद चल रहा है। 30 सितंबर यानी आज सुप्रीम कोर्ट तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में पशु चर्बी की मिलावट से संबंधित कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में मंदिर के प्रसाद की शुद्धता और धार्मिक मान्यता को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप की मांग की गई है।
आपको बता दें, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई आज करेगी, जो न केवल धार्मिक विश्वासों से जुड़ा है बल्कि खाघ सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अधिवक्ता सत्यम सिंह की याचिका
अधिवक्ता सत्यम सिंह द्वारा एक याचिका दायर की गई है जिसमें तिरुपति मंदिर के संचालन में हुई समस्याओं और गलत प्रबंधन पर चिंता जताई गई है। उन्होंने यह मांग की है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र की जांच के लिए समिति बनाई जाए जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शामिल हो।
CBI जांच की मांग
इतना ही नहीं सीबीआई जांच करने का भी अनुरोध किया गया है। इस याचिका के जरिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है, कि धार्मिक स्थान में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनी रहे, ताकि भक्तों का विश्वास मजबूत हो और मंदिर का संचालन भी बेहतर तरीके से हो सके।
धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में आरोप लगाते हुए कहा कि तिरुमाला में लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी, मछली का तेल और अन्य मांसाहारी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह न केवल हिंदू धर्म रीति-रिवाज का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि इससे कई भक्तों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है।
यह भी कहा गया है कि तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, जो धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। इस गंभीर मामले को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एसआईटी का गठन कर दिया है, ताकि मामले की उचित जांच की जा सके।
जानें, पूरा मामला
तिरुपति बालाजी मंदिर जो कि आंध्र प्रदेश में स्थित है, यह भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां का प्रसाद के रूप में मिलने वाला लड्डू भक्तों के बीच विशेष मान्यता रखता है। हाल ही में इस लड्डू के प्रसाद में पशु चर्बी और अन्य मांसाहारी सामग्री के मिलावट के आरोपों ने विवाद को जन्म दिया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सत्यम सिंह ने यह दावा किया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट द्वारा बनाई गई लड्डू में पशु चर्बी, मछली का तेल और अन्य मांसाहारी सामग्री का उपयोग किया गया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है, कि या तो एक समिति का गठन किया जाए जो इस मामले की जांच करें या फिर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। अब देखना यह होगा कि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद क्या फैसला लिया जाता है।