Transfer News : कर्मचारियों अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, अब इस तारीख तक हो सकेंगे तबादले, मिलेगा लाभ

बीते दिनों मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तबादलों की अंतिम तिथि बढ़ाने का फैसला लिया गया था, जिसके बाद अब इस संबंध में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने आदेश जारी कर दिए।तबादला अधिनियम के तहत चार वर्ष पूरे करने वाले कर्मचारी को सुगम के एक कार्यालय से सुगम दूसरे कार्यालय में पद रिक्त होने पर तबादला हो सकेगा।

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Employees Transfer News: उत्तराखंड के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने तबादला एक्ट के तहत तबादला आदेश जारी करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है।अब प्रदेश में कर्मचारियों के तबादले 10 जुलाई तक हो सकेंगे। इस संबंध में शुक्रवार को कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने आदेश जारी कर दिए।
पहले इसकी लास्ट डेट 10 जून थी।

अब 10 जुलाई तक हो सकेंगे तबादले

  • कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने अपने आदेश जारी में कहा गया है कि तबादला अधिनियम के तहत चार वर्ष पूरे करने वाले कर्मचारी को सुगम के एक कार्यालय से सुगम दूसरे कार्यालय में पद रिक्त होने पर स्थानांतरित किया जा सकेगा।
  • पद रिक्त न होने की दशा में इस श्रेणी के दो कर्मचारी पारस्परिक रूप से स्थानांतरित किए जा सकते हैं। यह आगामी स्थानांतरण सत्रों पर भी लागू होगा।
  • अनिवार्य तबादलों के लिए पात्र कर्मचारियों से 10 इच्छित स्थानों के विकल्प लिए जाएंगे। प्राप्त विकल्पों और आवेदन पत्रों का विवरण वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा और फिर तबादले किए जाएंगे।

बीते दिनों बैठक में हुआ था फैसला

गौरतलब है कि बीते दिनों सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तबादलों की अवधि को बढ़ाने को लेकर फैसला लिया गया। इसके बाद कार्मिक विभाग ने इस निर्णय के संबंध में प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के लिए भेज दिया था।इसके बाद अब आदेश जारी किए गए है। इससे 15 हजार से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इससे पहले तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक तबादला आदेश जारी करने की अंतिम तिथि थी, लेकिन अधिकतर विभाग तय तिथि तक तबादला आदेश जारी नहीं कर पाए थे, ऐसे में डेट को एक महीने आगे बढ़ाया गया है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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