Ganga River : देशभर में कई पवित्र नदियां मौजूद है लेकिन उसमें से गंगा नदी को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में भी इसका काफी ज्यादा महत्व माना गया है। सबसे ज्यादा लोग गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं। वहीं अस्थियों का विसर्जन भी गंगा नदी में किया जाता है। हरिद्वार यहां पर ऋषिकेश धार्मिक शहरों से होकर गंगा नदी बहती है। लेकिन प्रदुषण की वजह से गंगा का जल प्रभावित होने लगता है।
सबसे ज्यादा वाराणसी में बह रही गंगा प्रदूषित होती है। क्योंकि यहां जीने के साथ-साथ मरना भी काफी शुभ माना जाता है। इस वजह से सभी धार्मिक अनुष्ठान नदियों को केंद्र में रखकर ही पूरे किए जाते हैं। जिसकी वजह से यहां के गंगा का जल काफी दूषित हो जाता है। इसको साफ करने के लिए साल गंगा नदी में जीव छोड़े जाते हैं।
Ganga River : जल्द छोड़ा जाएगा ये जीव
इस साल भी गंगा को साफ रखने की जिम्मेदारी नन्हें जीव ने उठा ली है। जी हां, जल्द ही वाराणसी की गंगा नदी में छोटे से कछुएं को छोड़ा जाने वाला है। अब तक कई कछुएं गंगा को साफ़ करने में लगे हुए हैं। वो भी अभी नहीं बल्कि पिछले कई सालों से ऐसा होते आ रहा है। अब एक बार फिर कछुओं को वाराणसी से गंगा में छोड़ा जाएगा। एक बार फिर ‘नमामि गंगे’ प्रोजेक्ट के तहत इन्हें छोड़ा जाएगा।
ऐसे करते हैं सफाई
आपको बता दे, गंगा की सफाई करने के लिए कछुओं का सबसे बड़ा योगदान है। हजारों की तादाद में गंगा में कछुएं मौजूद है जो नदी में मौजूद फुल-पत्तियों के साथ-साथ सड़े और अधजले शवों, मरी मछलियों को भी खाते हैं। इससे नदी साफ भी रहती है और प्रदूषणमुक्त हो जाती है। अब तक गंगा में करीब 4,000 कछुओं को छोड़ा जा चुका है। गंगा नदी की सफाई की जिम्मेदारी दो तरह के कछुओं को सौंपी गयी है।