नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट । गुरुवार को ट्विटर (twitter) ने मौखिक (verbally) तौर पर लाइव प्रसारण (live streaming) में लेह(leh) और जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) को चीन का हिस्सा (part of china) दिखाने को लेकर मांफी(apologies) मांग ली है। ट्विटर(twitter) ने मांफी संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के समझ व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Personal data protection) को लेकर मांगी।
कड़ी नाराजगी(Resentment) जताते हुए हुए, पैनल ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर(Micro-blogging site Twitter) से लिखित माफी मांगने को कहा है। साथ ही मामले को लेकर एक हलफनामा (Affidavit) प्रस्तुत करने को भी कहा है।ट्विटर (twitter) के प्रवक्ता (spoke person) ने कहा कि वो भारत सरकार (Government of India) के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध (Committed) हैं और वो इसमें शामिल संवेदनाओं का पूरा सम्मान करते (Fully respect the feelings) हैं, विधिवत रूप से पत्र को स्वीकार करते हैं।
Twitter tenders verbal apology before joint parliamentary committee on personal data protection over location tag in a live broadcast showing Leh & J&K as part of China. Panel showed strong displeasure over it & asked Twitter to tender written apology & submit an affidavit. pic.twitter.com/ADnR3OxE34
— ANI (@ANI) October 29, 2020
वहीं इससे पहले, लेह को चीन (china) का हिस्सा दिखाने को लेकर केंद्र सरकार(central Government) ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को भारत की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने को लेकर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की थी और चेतावनी दी थी। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology, MeitY) ने 22 अक्टूबर को ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उन्हें याद दिलाया था कि लेह, लद्दाख का मुख्यालय है और लद्दाख और जम्मू और कश्मीर दोनों भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं, जोकि भारत के संविधान द्वारा शासित हैं ”।
अपने लेटर में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के सचिव, अजय साहनी ने ट्विटर से भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए कहा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का प्रयास, जो कि मानचित्रों द्वारा भी परिलक्षित होता है, पूरी तरह से अस्वीकार्य और गैरकानूनी है । साहनी ने एक मध्यस्थ के रूप में ट्विटर की तटस्थता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए है।