Amit Shah On Uniform Civil Code: भरी सर्दियों के मौसम में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक बार फिर राजनीति के गलियारों में गर्माहट हो चुकी है। कारण है आजतक चैनल के प्रोग्राम एजेंडा आजतक 2023 में होस्ट द्वारा पूछे गए यूनिफॉर्म सिविल कोड के सवाल को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ज़वाब और जवाब के साथ यूसीसी को लागू करने को लेकर बीजेपी, मोदी और शाह की प्रतिबद्धता।
राष्ट्रभर में यूसीसी लागू करने को लेकर क्या प्लान है?
दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री शाह आजतक चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। जहां होस्ट द्वारा यूसीसी को लेकर उनसे सवाल किया गया। सवाल में शाह से पूछा गया कि यूनिफार्म सिविल कोड को आप राज्यों के मैनिफेस्टो में देख रहे हैं, राष्ट्रभर में लागू करने की लेकर आपकी क्या सोच है?
UCC बीजेपी का एजेंडा नहीं संविधान सभा का मैंडेट है
इसके जवाब में शाह ने कहा कि UCC बीजेपी का एजेंडा नहीं है इसलिए इसे इसे तरह पेश न किया जाए, यह संविधान सभा का देश के संविधान के लिए एक मैंडेट था जिसे आप भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 यानी राज्य के नीति निर्देशक तत्व (directive principles of state policy) में देख सकते हैं, जहां इसके बारे में लिखा गया है। शाह ने बताया DPSP में संविधान सभा द्वारा उन चीजों को रखा गया जिसे वह आज़ादी के तुरंत बाद लागू नहीं कर सके और यूनिफॉर्म सिविल कोड उन्हीं में से एक है।
वोटबैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस ने छोड़ा यूसीसी
आगे बात करते हुए शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा जिस कांग्रेस के बड़े नेताओं ने संविधान सभा में UCC जैसी बातों का निर्धारण किया उसी कांग्रेस ने बाद में वोट बैंक पॉलिक्टिक्स को लेकर इसे छोड़ दिया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसे नहीं छोड़ा क्योंकि बीजेपी का मानना है किसी देश में धर्म निरपेक्ष शासन का सबसे बड़ा लक्षण है कि वहां सर्व धर्म के नागरिकों के लिए एक कानून हो।
हम प्रयास करते रहेंगे
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने यूसीसी के मुद्दे को हमेशा आइडियोलॉजिकल और वैचारिक चादर से ढकने का प्रयास किया पर हम हमेशा अपनी बात पर जमे रहे और इसलिए हमने हमेशा यूसीसी लाने का प्रयास किया और आगे भी करेंगे।
यूसीसी सामाजिक और कानून परिवर्तन
शाह ने UCC के लागू करने को एक बड़ा सामाजिक और कानूनी परिवर्तन बताया जिसे बिना सभी की राय लिए लागू करना संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा अगर कुछ राज्यों में इसे लागू कर पाने को लेकर प्रयास किए जाते हैं इसको लेकर जनमानस की राय ली जाती है कमेटियों का गठन किया जाता और उसके बाद जो अभिप्राय निकल कर आते हैं उनको कानूनी तौर पर देखा जाएगा समझा जाएगा और फिर जो मैच्योर चीज़ होगी उसे सारा देश स्वीकार करेगा।
यूसीसी पर हम अडिग हैं
आखिर में शाह ने बोला कि मुझे भरोसा है कि यह सब संभव है और हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यूसीसी लाने को लेकर अडिग हैं और एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता के बारे में बताया गया है। आसान शब्दों में बताएं तो यदि भारत में यूसीसी लागू हो जाता है तब देश के सभी धर्म और समुदाय एक ही कानून द्वारा चलेंगे। किसी भी धर्म का अपना अलग कानून नहीं होगा, जैसे हिन्दू मैरेज एक्ट, मुस्लिम मैरेज एक्ट आदि।