Nitin Gadkari Fainted : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के यवतमाल में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जनता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वो अचानक बेहोश हो गए। उनके पास खड़े लोगों ने जैसे तैसे उन्हें संभाला और पास ही के अस्पताल में इलाज के लिए ले गए।
वापस आकर संभाला मोर्चा
अस्पताल में कुछ देर की देखभाल के बाद गडकरी फिर वापस मंच पर आए और चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला और वहां बैठी सभा को संबोधित किया। आपको बता दें नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मंच पर नितिन गडकरी की तबीयत इस तरह खराब हुई है। साल 2018 में भी अहमदनगर में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी अचानक बेहोश हो गए थे और उन्हें पास खड़े तत्कालीन राज्यपाल विद्यासागर राव ने संभाला था।
तीसरी बार मैदान में गडकरी
आपको बता दें नितिन गडकरी तीसरी बार नागपुर सीट से चुनावी मैदान में है। उनका मुकाबला यहां कांग्रेसी उम्मीदवार विकास ठाकरे से है।
गडकरी ने ट्वीट कर दिया धन्यवाद
अपने स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं और सभा में सम्मिलित होने के लिए निकल रहा हूं। उन्होंने जनता के स्नेह और शुभकामनाओं का भी धन्यवाद दिया।
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Shashank Baranwal
पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो
मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।