Unique Ritual : अब तक आपने सुना होगा कि शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा अपने घर परिवार की कुलदेवी या देवता के मंदिर में जाकर पहली पूजा परंपरा अनुसार करते हैं। लेकिन क्या आपने एक ऐसे गांव के बारे में सुना है जहां शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा पहले देवी देवता के मंदिर नहीं बल्कि श्मशान घाट में पहली पूजा करता है? नहीं सुना होगा।
आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जो राजस्थान में स्थित है। इस गांव में अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस गांव में शादी करने वाले हर नवविवाहित जोड़े को शादी के बाद पहली पूजा करने के लिए श्मशान घाट में जाना पड़ता है। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है चलिए चलते हैं –
कहां है यह गांव
हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वह राजस्थान के जैसलमेर से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित है। गांव का नाम बड़ा बाग गांव है। अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है। दरअसल इस गांव में शादी करके आने वाला हर नवविवाहित जोड़ा ग्रह प्रवेश के बाद पहली पूजा श्मशान घाट में जाकर करता है। वह श्मशान घाट कोई आम नहीं बल्कि बेहद खास है। वह राजा परिवार का खानदानी श्मशान घाट माना जाता है।
श्मशान घाट में 103 राजा और रानियों की याद में छतरियां बनाई गई है। जबकि वास्तुकला बेहद आकर्षक है। खास बात यह है कि सर पर नवविवाहित जोड़ा ही नहीं बल्कि हर शुभ कार्य से पहले श्मशान घाट में लोग पहली पूजा करने जाते हैं। यह बेहद ही अजीब परंपरा है आप भी इसे सुनकर हैरान रह गए होंगे।
क्यों की जाती है पूजा?
आपको बता दे, जैसलमेर के इस अनोखे गांव में शादी कर आने वाला हर नवविवाहित जोड़ा पहले इस श्मशान घाट में जाकर राजा-रानियों की समाधियों पर पूजा करता है। यहां 103 राजा और रानियों की याद में छतरियां बनाई गई है। सदियों से इस गांव में परंपरा चली आ रही है। शादी के बाद पूर्णिमा के दिन पूजा की जाती है।
अपने नये जीवन की शुरुआत में दिवंगत राजा-रानियों का आर्शिवाद लेने से जीवन सुखद होता है। हालांकि यहां जाने से लोग डरते भी है। रात के वक्त यहां से कोई भी नहीं गुजरना चाहता है। लोगों को यहां अक्सर घुड़सवारों के घोड़ों की टाप और हुक्का की गुड़गुड़ाहट सुनाई देती है। इस वजह से लोग यहां नहीं जाना पसंद करते हैं।