भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक और जहां पूरे देश में सरकार कोरोना महामारी (Corona epidemic) से बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, तो वही दूसरी तफर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शामली (shamli) में इसका बिल्कुल उल्टा होते नजर आ रहा है जहां एक डॉक्टर (doctor) की लापरवाही से तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की जगह एंटी रेबीज (Rabies) के इंजेक्शन लगा दिए गए। वही जैसे ही ये यह जानकारी महिलाओं के परिजनों को लगी तो उन्होंने अस्पताल में बखेड़ा खड़ा कर दिया।
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जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के शामली में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है इसी के चलते सीएचसी कांधला में गुरुवार 8 अप्रैल को तीन वृद्ध महिलाएं कोरोना वैक्सीन लगवाने पहुंची थी, जहां स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बाहर स्थित मेडिकल की दुकान से ₹10 वाले इंजेक्शन मंगाए गए और तीनों को वैक्सिंग लगा दी गई। जिसके बाद तीनों को घर जाने के लिए कहा गया। घर लौटने के कुछ देर बाद ही एक महिला को घबराहट और चक्कर शिकायत होने लगी, वहीं परिजनों द्वारा स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें प्राइवेट डॉक्टर के पास इलाज के लिए ले जाया गया, जहां पर परिजनों ने डॉक्टर को ओपीडी की पर्ची दिखाई, जिसके बाद जो डॉक्टर ने बताया उस से परिजनों के होश उड़ गए, डॉक्टर ने कहा कि महिला को कोविड शील्ड के बजाय एंटी रेबीज का टीका लगा दिया है जिसके बाद अन्य दोनों महिलाओं की भी पर्ची डॉक्टर को दिखाई गई और उन्हें भी एंटी रेबीज का टीका लगाना बताया गया। जिसके बाद तीनों महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया।
वही शामली स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ विजेंद्र सिंह का कहना है कि महिलाओं को रेबीज का टीका लगाने का मामला संज्ञान में आया है मामले की जांच की जा रही है और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वही सीएमओ डॉक्टर संजय अग्रवाल ने भी मामले की पूरी जांच कराए जाने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि तीनों महिलाओं में से एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है जिसको इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है वही दो और महिलाओं का इलाज अस्पताल में जारी है।
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