उत्तर प्रदेश में हाल ही में 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का बड़ा फैसला किया गया है। दरअसल इस फैसले के जरिए राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और अधिक मजबूती और पहचान देने का प्रयास किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस निर्णय के तहत लखनऊ डिवीजन के अंतर्गत आने वाले रेलवे स्टेशनों के नामों को धार्मिक स्थलों और महत्वपूर्ण धार्मिक हस्तियों के नाम पर रखा गया है।
दरअसल इस परिवर्तन का उद्देश्य न केवल उन स्थानों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाना है, बल्कि उन धार्मिक धरोहरों को भी सम्मानित करना है, जो सदियों से भारतीय समाज की समृद्ध विरासत का हिस्सा रही हैं।
इन दो महत्वपूर्ण स्टेशनों के रखे गए यह नाम
बता दें कि फुर्सतगंज रेलवे स्टेशन, जिसे पहले एक साधारण स्टेशन के रूप में जाना जाता था, अब ‘तपेश्वर धाम’ के नाम से पहचाना जाएगा। दरअसल इस नामकरण के माध्यम से ‘तपेश्वर धाम’ धार्मिक स्थल की महत्ता को सम्मान दिया गया है, जो यहां के निवासियों के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। वहीं इसी तरह, जायस स्टेशन का नाम भी बदलकर ‘गुरु गोरखनाथ धाम’ रखा गया है, जो उत्तर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में गोरखनाथ की भूमिका को उजागर करता है।
इन स्टेशनों के भी बदले गए नाम
दरअसल वारिसगंज हाल्ट स्टेशन का नाम अब ‘अमर शहीद भाले सुल्तान’ रखा गया है, जो उस बहादुर शहीद की स्मृति में रखा गया है। इसी तरह, अकबरगंज स्टेशन अब ‘मां अहोरवा भवानी धाम’ के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही निहालगढ़ स्टेशन को ‘महाराजा बिजली पासी’ के नाम से जाना जाएगा, जो पासी समुदाय के महान योद्धा और शासक महाराजा बिजली पासी के सम्मान में किया गया है।
इन नामों से जाने जाएंगे यह स्टेशन
इसके साथ ही, बनी स्टेशन का नाम बदलकर ‘स्वामी परमहंस’ रखा गया है, जबकि मिश्रौली को अब ‘मां कालिकन धाम’ के नाम से जाना जाएगा, जिससे इन स्थानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और भी सशक्त किया जा सके। वहीं कासिमपुर हाल्ट स्टेशन का नाम बदलकर अब ‘जायस सिटी’ कर दिया गया है।