उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की बड़ी जीत के बाद देशभर में चर्चा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बधाई दी और उनके सफल कार्यकाल की कामना की। राधाकृष्णन ने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराकर 450 वोट हासिल किए। अब 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में उनका शपथ ग्रहण समारोह होगा। अपने लंबे राजनीतिक सफर में उन्होंने महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी में राज्यपाल का पद संभाला। खुद को ‘अडिग राष्ट्रवादी’ बताते हुए उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज से मिली प्रेरणा साझा की।
केजरीवाल ने दी जीत की बधाई
उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि वह राष्ट्र की सेवा में उनके सफल कार्यकाल की कामना करते हैं। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन किया था, लेकिन राधाकृष्णन ने 450 वोट हासिल कर 152 वोटों से जीत दर्ज की। केजरीवाल ने कहा कि लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है और सभी दलों को देशहित में साथ काम करना चाहिए। उनका यह बयान चुनाव परिणामों के बाद राजनीतिक सौहार्द का संदेश देता है।
शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर
सीपी राधाकृष्णन का शपथ ग्रहण समारोह 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाएँगी। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को उनके निर्वाचन को प्रमाणित कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य निर्वाचन आयुक्तों ने प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद उप-निर्वाचन आयुक्त भानु प्रकाश येतुरू और सचिव सुमन कुमार दास ने दस्तावेज की प्रति केंद्रीय गृह सचिव को सौंप दी। समारोह के दौरान यह प्रमाणपत्र पढ़ा जाएगा। समारोह को लेकर दिल्ली में तैयारियाँ शुरू हो गई हैं और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।
‘अडिग राष्ट्रवादी’ और महाराष्ट्र से जुड़ी यादें
महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके सीपी राधाकृष्णन ने खुद को ‘अडिग राष्ट्रवादी’ बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 13 महीने का कार्यकाल उनके लिए बेहद सुखद रहा और वह यहां की मधुर यादें लेकर जा रहे हैं। उनकी मां उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरक कहानियां सुनाती थीं। साथ ही उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर की भी सराहना की, जिन्होंने भारत को संविधान दिया और सामाजिक बुराइयों से लड़ाई की। इससे पहले वह झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं और तेलंगाना व पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की जनता का सहयोग और गर्मजोशी के लिए आभार व्यक्त किया।





