क्या है मंकी फीवर? एक बार फिर पैर पसार रही यह बीमारी! क्या है इसके लक्षण?

कर्नाटक में क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (KFD) नाम की बीमारी फिर से तेजी से अपने पैर पसार रही है, जिसे हम आमतौर पर 'मंकी फीवर' के नाम से जानते हैं। इस बीमारी की शुरुआत साल 1957 में हुई थी, जब कर्नाटक के जंगलों में सबसे पहले क्यासानूर वायरस का पता चला था, जिसके कारण बंदरों की बड़ी संख्या में मौत हो रही थी। जिसके चलते बाद में इस बीमारी को लोगों ने 'मंकी फीवर' के नाम भी दिया था।

Rishabh Namdev
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monkey fever: कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से यह बीमारी अपने पैर एक बार फिर पसार रही है। जिसके कारण मंकी फीवर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2024 से अब तक कर्नाटक में मंकी फीवर के कारण 2 लोगों की मौत हो गई है। वहीं दूसरी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के द्वारा 2567 टेस्ट किए गए, जिसमें से 68 लोग इस बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं।

क्या है मंकी फीवर?

कर्नाटक में फ़ैल रही इस बीमारी के बारे में जानना बेहद जरूरी है। दरअसल मंकी फीवर एक वायरल बीमारी ही है जो मुख्यत: वन्यजीवों और बंदरों में पाई जाती है। लेकिन यह बीमारी शिकारी वन्यजीवों से सीधे मनुष्यों तक पहुंच सकती है और असुरक्षित वातावरण में बढ़ती है। मनुष्यों को यह बीमारी अधिक नुकसान पहुँचाती है।

मंकी फीवर कितना खतरनाक हो सकता है?

आपको बता दें मंकी फीवर एक बहुत गंभीर बीमारी है, जो मनुष्यों में बहुत हानिकारक स्थिति पैदा कर सकती है। इसके कारण होने वाले लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और तंतु की कमजोरी शामिल है। जिसके चलते यह आपको हॉस्पिटल तक जाने पर मजबूर कर सकती है। इसके साथ ही समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है।

मंकी फीवर के क्या लक्षण हैं?

मंकी फीवर के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, थकान, बीमारी का आभास, और मांसपेशियों में तेज दर्द होना शामिल हैं। यह बीमारी अगर गंभीर होती है तो इससे मांसपेशियों की कमजोरी और अन्य ज्यादा गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। इसीलिए इसपर समय रहते ध्यान देना जरूरी है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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