UP Wheat Procurement on MSP : उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। आज 1 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीदी शुरू होने जा रही है, जो 15 जून तक चलेगी। खास बात ये है कि इस बार 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी, जबकी पिछले साल 2015 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदा गया था। खरीद के लिए गेहूं केंद्र को सुबह 9 बजे से शाम के 6 बजे तक खोले जायेंगे।इसमें छुट्टी के दिन यह बंद रहेगा।
ऐसे करवा सकते है पंजीयन
- किसान विभागीय वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है, पोर्टल खोल दिया गया है। किसानों को जन सुविधा केंद्र (साइबर कैफे) पर खाद्य विभाग पोर्टल पर गेहूं के भुगतान के लिए पंजीकरण करवाना आवश्यक है।
- पंजीकरण करवाते समय सावधानी से आधार कार्ड की सभी जानकारी जैसे की नाम, पता और अन्य जानकारी पोर्टल पर अंकित कारवाई होगी। वही किसानों को उनके गेहूं का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा।
- किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग तथा मोबाइल एप यूपी किसान मित्र पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण आप किसी भी साइबर कैफे से करा सकते है। गेहूं को खरीद ई- पीओपी मशीन से की जाएगी।
- गेहूं की बिक्री के लिए खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके कृषकों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु पंजीकरण को संशोधन कर पुनः लाक करना होगा।
- किसान अपने गेहूं की बिक्री के समय यदि वहां पर उपस्थित नहीं होता तो ऐसे दशा में वह अपने परिवार के अन्य सदस्य का पंजीकरण भरते समय नाम दर्ज करवा सकता है, इसके लिए उसका नाम व आधार नंबर फ़ीड करना होगा।
- किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
ये रहेंगे नियम
- कंप्यूटराइज्ड खतौनी खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे एवं बोए गए गेहूं तथा अन्य फसल के रकबे को भी दर्ज करना होगा।
- संयुक्त भूमि की दशा में अपनी हिस्सेदारी की सही घोषणा रजिस्ट्रेशन के दौरान करनी होगी।
- किसान के आधार नंबर का बैंक खाते से जुड़ा होना भी अनिवार्य किया गया है।बैंक खाते में पिछले तीन महीने में लेन-देन भी होना चाहिए।
- पंजीकरण करवाते समय सावधानी से आधार कार्ड की सभी जानकारी जैसे की नाम, पता और अन्य जानकारी पोर्टल पर अंकित कारवाई होगी।
- किसानों को अपना पंजीकरण करने के दौरान वर्तमान मोबाइल दर्ज करवाना होगा,इसी नंबर पर ओटीपी आने के बाद ही उनकी फसल बिकेगी।
- जिन किसानों के गेहूं में धूल, कंकड़ और मिट्टी रहेगी, उनके गेंहू बिना सफाई के नहीं लिए जाएंगे। पतले और काले गेहूं से भी पहरेज किया जाएगा।