जब प्रियंका गांधी ने दिखाया दादी इंदिरा सा रौद्र रूप, देखिये वीडियो

Pooja Khodani
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प्रियंका गांधी

लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट।  उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 8 किसानों की मौत के बाद देर रात प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanaka Gandhi Arrested) को हरगांव के पास पुलिस ने हिरासत में ले लिया और सीतापुर पुलिस लाइन ले गई।इस पर प्रियंका पुलिस अफसरों पर भड़क गई और ना सिर्फ जमकर खरी खोटी सुनाई बल्कि कानून का पाठ भी पढ़ा दिया।इस दौरान प्रियंका गांधी में एक बार फिर अपनी दादी आयरन लेडी स्व इंदिरा गांधी की झलक देखने को मिली।इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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एक वीडियो में प्रियंका गांधी यूपी पुलिस अधिकारियों से कहती हैं- इसमें बिठाल कर मुझे तुम मेरा अपहरण करोगे, ये है लीगल स्टेटस तुम्हारा। मत समझो कि मैं कुछ नहीं समझती, अरेस्ट करो खुशी से जाउंगी मैं। ये जो जबरजस्ती घेर रहे हो, ढकेल रहे हो न, इसमें फिजिकल असॉल्ट, अटेम्प्ट टू किडनैप, किडनैप, अटेम्प्ट टू मोलेस्ट समझते हो न। छू कर देखो मुझे, जाकर अपने अफसरों से अपने मंत्रियों से जाकर वारंट लाओ। महिलाओं को आगे मत करो, महिलाओं से बात करना सीखो। तुम्हारे यहां कानून नहीं होगा, इस देश में कानून है। तुम मुझे घसीट कर ढकेल कर यहां लाए हो। कोई हक नहीं है तुम्हे, कोई हक नहीं है।’

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इस पूरे मामले पर कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि उत्तर प्रदेश में आख़िर क्या हो रहा है, लोकतंत्र और आज़ादी दोनों संकट में क्यों है ? उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में गाड़ी तले किसानों को रौंदने की घटना बेहद विभत्स व निंदनीय है। कई किसानो की मौत व कई घायल हुए है। कभी किसानो के सीने पर गोलियाँ, कभी उन्हें गाड़ी से कुचलना, यह हो क्या रहा है?आख़िर कब तक किसानो का भाजपा सरकार में यूँ ही दमन होता रहेगा ? कब ये तीन काले कृषि क़ानून वापस होंगे , कब ये सरकार किसानो के साथ न्याय करेगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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