World Humanitarian Day : हम सब मनुष्य हैं और मानवता हमारा पहला धर्म है। संसार में चाहे जितने युद्ध हो जाएं, जितनी दुर्घटनाएं घट जाएं लेकिन ये सत्य सबसे ऊपर है। और तमाम विपत्तियों के बावजूद मानवता को धर्म मानने वाले लोगों के कारण ही मानव-प्रजाति अपने सही रूप में बरकरार है। इसीलिए 19 अगस्त का दिन ‘विश्व मानवतावादी दिवस’ मनाया जाता है जो ऐसे लोगों को समर्पित है जो मानव कल्याण को बढ़ावा देने, जरुरतमंदों के साथ खड़े रहने और मानवीय उद्देश्यों के लिए खुद को समर्पित कर देते हैं।
क्यों मनाया जाता है विश्व मानवतावादी दिवस
आज हम ‘विश्व मानवतावादी दिवस’ मना रहे हैं। ये उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होने मानवतावादी संकट में अपने प्राणों की आहुति दी या फिर ऐसे की किसी कारण से जान गंवा दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2008 में एक प्रस्ताव पारित कर इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। दरअसल 19 अगस्त 2003 को बगदाद के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला हुआ और इसमें संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के 22 लोगों की जान गई थी। इस हमले में इराक में यूएनओ के महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की मृत्यु हुई थी। उसकी के बाद 2008 से उन लोगों की स्मृति में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।
इस साल की थीम
इस साल विश्व मानवता दिवस की थीम है “चाहे कुछ भी हो” (No Matter What) और इसका तात्पर्य है कि मानवता के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ हमेशा जरुरतमंद लोगों की सहायता के लिए आए रहें। चाहे जो स्थिति बन जाए, लेकिन अपने इस पहले और सार्वभौमिक ‘मानव धर्म’ को सर्वोपरि रखें। विश्व मानवता दिवस पर विश्वभर में लोगों के कल्याण, उनकी कुशलता की कामना के साथ दुनियाभर के नेताओं से भी ये अपील भी की जाती है कि वे अपने शक्तियों का इस्तेमाल इस तरह की घटनाओं में प्रभावित होने वाले लोगों की मदद के लिए करें। तो आज के इस बेहद खास दिन हम भी विश्व में मानवता के प्रसार और उन्नति के लिए ये संकल्प ले सकते हैं कि अपनी छोटी छोटी बातों से ऊपर उठकर सबसे पहले इंसानियत को रखेंगे। मनुष्य होने के नाते मानवता के प्रति ये हमारा सबसे पहला कर्तव्य भी है जिसका पालन किया जाना चाहिए।