5 रुपए से 10 लाख के कॉन्सर्ट टिकट तक का जाकिर हुसैन का सफर, करोड़ों की नेटवर्थ और परंपरा का पालन, आइए देखें यह खबर

मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। अमेरिका के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अपने करियर में उन्होंने भारतीय संगीत को एक नई ऊंचाई दी और कई सम्मान हासिल किए।

Diksha Bhanupriy
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  1. 73 साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने दुनिया को कहा अलविदा
  2. पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित 5 ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मान
  3. 5 रुपए था पहला मेहनताना, जो बना करोड़ की संपत्ति

Zakir Hussain: भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले मशहूर तबला वादक और संगीतकार उस्ताद जाकिर हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। एक गंभीर बीमारी के चलते अमेरिका के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक वो दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी का सामना कर रहे थे और सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

अपने करियर के दौरान जाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत को दुनियाभर में विशेष पहचान दी। केवल 37 साल की उम्र में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उसके बाद उन्हें कई सारे सम्मान से नवाजा गया। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन उनका करियर 5 रुपए से शुरू हुआ था। इसके बाद वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने।

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जाकिर हुसैन का पहला मेहनताना (Zakir Hussain)

तबला बजाने की जो कला जाकिर हुसैन को विरासत के तौर पर मिली। उसने उन्हें दुनियाभर में मशहूर कर दिया। जब वो 12 साल के थे तब पहली बार अपने पिता के साथ एक कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भी पिता के साथ परफॉर्म किया। इस कार्यक्रम में बिस्मिल्लाह खान और रविशंकर सहित कई हस्तियां मौजूद थी। जाकिर के परफॉर्मेंस से सभी काफी प्रभावित हुए और इनाम के तौर पर उन्हें 5 रुपए दिए गए, जो उनकी पहली कमाई थी।

पिता से मिली संगीत की विरासत

महाराष्ट्र में उस्ताद अल्ला रखा खान के घर 9 मार्च 1951 में उनका जन्म हुआ। उन्होंने सात साल की उम्र में तबला बजाना सीखना शुरू किया, 12 साल की उम्र में पहली बार भारत में परफॉर्म किया।

शिक्षा और परिवार

जाकिर हुसैन ने महाराष्ट्र से पढ़ाई पूरी की, उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने एंटोनिया मिनेकोला जो कि एक कथक डांसर थी से शादी की। जिनसे उन्हें दो बेटियों अनीसा और इसाबेला के पिता बनने का सौभाग्य मिला। हुसैन के दो भाई तौफीक कुरैशी और फैजल कुरैशी हैं। खुर्शीद और रज़िया दो बहनें थी, जिनमें से साल 2000 में एक सर्जरी के दौरान रज़िया का निधन हो गया।

कई अवॉर्ड्स से हुए सम्मानित

अपने करियर में ज़ाकिर हुसैन ने कुल 5 ग्रैमी अवॉर्ड्स जीते, साथ ही लगभग 12 फिल्मों में संगीत भी दिया। 1998 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण और 2023 में उन्हें पद्मविभूषण से नवाज़ा गया। 1990 में वे संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किए गए।

जाकिर हुसैन की नेटवर्थ

अगर बात करें उनकी संपति की तो मीडिया की जानकारी के अनुसार उनकी नेटवर्थ लगभग 84 करोड रुपए की है। पांच रुपए की टिकट से कॉन्सर्ट की शुरुआत करने वाले जाकिर अब एक शो के पांच से 10 लाख रुपए लिया करते थे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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