भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस (corona virus) के बीच देश में एक अन्य वायरस (virus) की एंट्री हो गई है। इस वायरस की पहली पुष्टि केरल (kerela) में की गई है। केरल ने आधिकारिक तौर पर एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण जीका वायरस के अपने पहले मामले की पुष्टि की है। जीका वायरस (Zika Virus) के संदिग्ध 13 व्यक्तियों के नमूने पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि तिरुवनंतपुरम के परसाला की एक 24 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है। एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही महिला में 28 जून को लक्षण दिखने लगे। महिला गर्भवती थी और उसने 7 जून को अपने बच्चे को जन्म दिया। उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। हालांकि उनका राज्य के बाहर कोई यात्रा इतिहास नहीं है लेकिन उनका घर तमिलनाडु की सीमा पर है। एक हफ्ते पहले उसकी मां में भी ऐसे ही लक्षण दिखे थे। जीका के लक्षण डेंगू के समान हैं। जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों का दर्द शामिल हैं।
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जीका वायरस को अक्सर जन्म दोष और गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (guillain-barre syndrome) के विकास से जोड़ा गया है, जहां Zika Virus किसी की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है। हो सकता है कि इससे संक्रमित कुछ लोगों में कोई लक्षण न दिखें। हालांकि गर्भवती महिलाओं में संक्रमण विकासशील भ्रूण को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और जन्मजात विसंगतियों को जन्म दे सकता है।
जीका वायरस के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। यह वायरस एडीज प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। जो पूरे राज्य में उच्च घनत्व में पाए जाते हैं। एडीज मच्छर, जो डेंगू के वाहक भी हैं। ठहरे हुए मीठे पानी में प्रजनन करते हैं और ज्यादातर घर के अंदर रहते हैं।
वर्तमान मे जीका वायरस के लिए कोई टीका या इलाज नहीं है। इस वायरस को सबसे पहले 1947 में युगांडा के जीका जंगल में पाया गया था।