इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में फिर से नंबर वन आने के लिए इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) ने अपनी कमर कस ली है। इसी के लिहाज से लगातार इंदौर नगर निगम कचरा प्रबंधन (Waste management) और टैक्स से मिलने वाले शुल्क की भी जांच कर रहा है। इसी कड़ी में जांच के दौरान पाया गया कि कचरा प्रबंधन शुल्क और टैक्स वसूली (Tax collection) से आने वाली राशि लक्ष्य से कम है। जिसे लेकर इंदौर नगर निगम में 11 सहायक राजस्व अधिकारी (Assistant revenue officer) और 40 बिल वसूली करने वालों का वेतन रोक दिया गया है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल (Commissioner Pratibha Pal) ने कार्रवाई करते हुए यह फैसला लिया है।
टैक्स वसूली बढ़ाएं जाने के आदेश
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि जो लक्ष्य अधिकारियों को दिया गया है, उसके अनुसार ही वसूली का कार्य करना होगा। इस दौरान कमिश्नर ने उपायुक्तों को भी अपने-अपने एरिया में जाकर कचरा प्रबंधन राशि और टैक्स वसूली को बढ़ाएं जाने में मदद करने का आदेश दिया है।
समीक्षा बैठक के दौरान की गई कार्रवाई
आज राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक थी, जिसमें कमिश्नर प्रतिभा पाल द्वारा ये कार्रवाई की गई है। बैठक के दौरान कमिश्नर ने कहा कि जिन भी अधिकारियों के वेतन रोके जा रहे है, वे सबसे पहले अपना लक्ष्य पूरा करेंगे। जिसकी तारीख 31 दिसंबर 2020 दी गई है। साथ ही उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि अगर सहायक राजस्व अधिकारी और वसूली करने वाले बिल कलेक्टरों ने तय समय सीमा पर वसूली नहीं की, तो वेतन के साथ ही उनकी सेवा पर भी विराम लगाते हुए कार्रवाई की जाएगी।
अनिवार्य रुप से करनी है वसूली
बैठक के दौरान कमिश्नर प्रतिभा पाल ने वसूली करने का शुल्क बताया। जिसमें उन्होंने कहा कि सभी जोन और वार्ड को अपने क्षेत्रों से 75 और व्यावसायिक क्षेत्रों से 90 प्रतिशत कचरा प्रबंधन शुल्क की वसूली आवश्यक तौर पर करनी है। जिसमें कमिश्नर ने कहा कि 2020 में Seven star के अनुसार इसी तरह से वसूली करना है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ आवासीय क्षेत्रों में भी वसूली को बढ़ाएं। इस दौरान एक बेहतर योजना का निर्माण करें और फिर अपने कार्यों का निष्पादन करें। वसूली के समय अगर किसी भी तरह की कोई दिक्कत या समस्या आती है, तो सीधे सूचित करें।
‘काम नहीं तो वेतन नहीं’
बैठक के दौरान निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछा की सभी के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है, इसके बाद भी कार्य सही तरीके से क्यों नहीं हुआ है? जिसपर निगमायुक्त ने कहा कि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’, यही सिद्धांत लागू करते हुए वेतन रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब से हर दिन ARO और Bill collector 100 से अधिक स्थानों पर वसूली करने जाएंगे।
कमिश्नर ने पूछा ये सवाल
दरअसल समीक्षा बैठक के दौरान कमिश्नर ने सवाल किया कि पिछले साल संपत्ति कर 250 और जल कर 28 करोड़ रुपए निगम को प्राप्त हुई थी, लेकिन इस साल ये क्रमशः 166 और 17 करोड़ रुपए पर आकर क्यों रुक गई है? साथ ही उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स में 84 करोड़ और वाटर टैक्स में 11 करोड़ रुपए का फर्क आना बढ़ी बात होती है।