Farmer’s Protest : किसानों के समर्थन में DIG ने दिया इस्तीफा, कहा- किसान का बेटा होने पर है गर्व

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कृषि बिल (Agriculture bill) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) दिन-ब-दिन उग्र रूप लेता जा रहा है। किसानों (Farmers) द्वारा लगातार को बिल को वापस (withdrawal of bill) लेने की मांग (Demand) के चलते प्रदर्शन (protest) किया जा रहा है। पंजाब (Punjab) में किसान आंदोलन के समर्थन में अवार्ड वापसी (Award Return) के बाद अब इस्तीफे (Resignation) का दौर शुरू हो गया है।

पंजाब के डीआईजी जेल (Punjab DIG Jail) लखविंदर सिंह जाखड़ (Lakhwinder Singh Jakhar) ने किसानों का समर्थन करते हुए अपना इस्तीफा पंजाब सरकार (Punjab Government) को भेजा है। किसानों के समर्थन में दिए गए इस्तीफे के बाद लखविंदर सिंह जाखड़ चर्चा का विषय बन गए है। लखविंदर सिंह जाखड़ के इस्तीफा देने कि वजह कृषि कानून के खिलाफ किसानों द्वारा आंदोलन है और उनका किसानों के प्रति समर्थन। वही डीआईजी जेल के दिए गए इस्तीफे के बाद डीजीपी जेल पीके सिन्हा ने कहा कि उनके पास इस्तीफे की एक कॉपी है।

लखविंदर सिंह जाखड़ ने कहा कि नियमों के तहत मुझे 3 महीने का नोटिस देना होगा अगर। मैं आज इस्तीफा देना चाहता हूं, तो मुझे उस अवधि के भुगतान भत्ते को जमा करना होगा। मैं राशि जमा करने को तैयार हूं क्योंकि मुझे अभी जाना है मैं एक किसान का बेटा हूं और मुझे इस पर गर्व है।

प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम को भेजे गए इस्तीफा में लखविंदर सिंह जाखड़ द्वारा लिखा गया कि कृषि सुधार ब्लॉक के विरोध में वह अपनी सेवा दे रहे हैं। वही विभाग इसकी पड़ताल करने में जुट गया है, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार मामले में जांच चल रही है। ऐसे में क्या वह फ्री रिटायरमेंट ले सकते हैं या नहीं, यह एक सवाल बन गया है। वही डीजीपी जेल पीके सिन्हा ने डीआईजी जेल लखविंदर सिंह जाखड़ द्वारा इस्तीफा देने की पुष्टि की है।

लखविंदर सिंह जाखड़ द्वारा इस्तीफे में ये भी लिखा गया कि बीते 18 दिनों से किसान कृषि बिल के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी तकलीफ किसी ने नहीं सुनी। यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि रूल्स एंड रेगुलेशन के तहत मैं अफसर होने के नाते आगे नहीं आ पा रहा हूं। इसलिए मैं फैसला कर चुका हूं। मैंने अपने परिवार से भी बात की है और गांव में रह रही अपनी मां से भी मैं बात कर चुका हूं। मैं एक किसान का बेटा हूं और मुझे इस बात पर गर्व है। आज मेरे पास जो कुछ भी है उसी वजह से मैंने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है।

Farmer's Protest : किसानों के समर्थन में DIG ने दिया इस्तीफा, कहा- किसान का बेटा होने पर है गर्व

बता दें कि जब कोरोनावायरस था तब लखविंदर सिंह जाखड़ द्वारा जेल पट्टी के सुपर डेंट से रिश्वत ली गई थी जिसकी जांच विभाग ने आईजी रूप कुमार से करवाई थी जिसमें घूस लेने की पुष्टि हुई है दोषी कहने के बाद जाखड़ को 8 मई को सस्पेंड कर दिया गया था वही डीआईजी जेल को 7 अक्टूबर को बगैर डिपार्टमेंट जांच की रिपोर्ट आए बाहर भी कर दिया गया था

कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है। राजनीति से लेकर खेल जगत तक और बॉलीवुड की हस्तियां भी किसानों के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद कर रही है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपना पद्म विभूषण वहीं राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा अपना पद्म विभूषण पुरस्कार घटाने की एलान कर चुके हैं। वही खेल जगत से पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह समेत पंजाब के 27 खिलाड़ी ने किसानों के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर दी हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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