Farmers Protest : कृषि बिल के फायदे गिनाने बीजेपी देश भर में करेगी 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल

Gaurav Sharma
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पूर्व विधायक

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कृषि बिल (Agriculture bill) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) व्यापक रूप लेता जा रहा है। किसान (Farmers) द्वारा 8 दिसंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) किया गया था और एक बार फिर किसानों द्वारा 14 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। किसान (Farmers) लगातार अपने आंदोलन के जरिए केंद्रीय सरकार (Central Government) से कृषि बिल (Agriculture Bill) वापस लेने की मांग (demand) कर रहे हैं।

वहीं केंद्रीय सरकार बिल में संशोधन करने को तो तैयार है पर वापस लेने को नहीं। केंद्र सरकार (Central Government) का कहना है कि एमएसपी (MSP) नहीं हटाई जाएगी और इस पर वह लिखित (Written) में देने को तैयार है। वही कृषि बिल किसानों के लिए बहुत फायदेमंद (Advantage) साबित होगा। केंद्र सरकार (Central Government) और किसान (Farmers) एक दूसरे के आमने सामने खड़े हुए हैं। हालाकि किसानों के इस आंदोलन को देश भर से समर्थन मिल रहा है, चाहे वह फिल्म जगत के हो या खेल जगत के लोग हो वे आगे आकर उनका समर्थन (Support) कर रहे हैं।

कृषि बल के मसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiye Janta Party) अब फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी कर रहा है। शुक्रवार को बीजेपी ने देश के अलग-अलग शहरों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) और चौपाल (Chaupal) करने की बात कही है। इन चौपालों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोदी सरकार (Modi Government) कृषि बिल के फायदे को गिनाएगा और किसानों को इसके बारे में समझाया जाएगा । वहीं बीजेपी इस दौरान 100 से ज्यादा जगहों पर किसान सम्मेलन भी करेगी, जबकि हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह तीन कृषि कानून (Agriculture bill) का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। बीते दो हफ्तों से दिल्ली की बॉर्डर (Delhi Border) पर किसानों का डेरा है और कई बार केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने की कोशिश की, साथ ही कानून में संशोधन (Amend the law) करने के लिए भी सुझाया लेकिन किसान बिल वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। यही कारण है कि अब बीजेपी पार्टी स्तर पर कृषि बिल को जनता के सामने पेश करेगी और उसके फायदे को गिनाएगी।

ज्ञात हो कि बीते दिन कृषि कानून पर एक बुकलेट भी लांच की गई थी, जिसमें कानून से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया था। साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कृषि कानून के फायदे गिनाए गए थे। साथ ही उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी। कृषि बिल को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि वह एमएसपी को लेकर लिखित में देने के लिए तैयार है, परंतु बिल वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वह किसान के साथ बात करने के लिए सदैव तैयार हैं।

वहीं इस पूरे मसले को लेकर बीजेपी का कहना है कि विपक्ष द्वारा किसानों को भड़काया जा रहा है। बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष किसानों को भड़काते हुए उनके कंधे पर बंदूक रखकर चला रहा है। बीजेपी का कहना है कि कृषि बिल के बहुत फायदे हैं। अगर किसानों को कुछ समस्या या शंका का है तो वह बातचीत करके इसका हल निकाल सकते हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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