पुलिस ने पकड़ा अंतरराज्यीय ATM फ्रॉड गिरोह, 400 लोगों को बनाया था निशाना

Gaurav Sharma
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सतना, पुष्पराज सिंह बघेल। एटीएम बूथ (ATM Booth) पर एटीएम कार्ड ( ATM Card) बदलकर धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह का सतना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। यह गिरोह 4 सौ लोगों को अपना शिकार बना चुका है। गिरोह के 2 सदस्य गुजरात पुलिस के हत्थे चढ़ गए जबकि 3 को सतना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

एटीएम बूथ ( ATM Booth) पर लोगों को झांसे में लेकर उनका एटीएम बदलने वाले गिरोह का सतना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। यह गिरोह उत्तर प्रदेश और गुजरात से ताल्लुक रखता है और  सतना और रीवा जिले में कई जगह वारदात को अंजाम दे चुका है।

पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि सतना जिले के 2-3 थाना क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं हुई थीं। जिसमें बैंक कस्टमर का एटीएम कार्ड ( ATM Card) बदलकर धोखाधड़ी की घटनाएं हुईं थीं। उसमें हमने एक विशेष टीम बनाई थी।

डीएसपी हेडक्वार्टर हितिका वासल, थाना प्रभारी शैलेन्द्र और साइबर टीम लगाई गई थी। टीम ने लगातार काम किया और ये तथ्य जुटाए कि एक अंतरराज्जीय गैंग है जो लगातार सतना और रीवा जिलों में सक्रिय है। कल मुखबिर की सूचना के आधार पर गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक दीपक सिंह है जो प्रयागराज का रहने वाला है। इसके अलावा आकाश सिंह और शिवम गुजरात और भदोही डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले हैं।

यह सक्रिय गैंग है इसमें 8 सदस्य हैं। इसके दो सदस्य सूरत में गिरफ्तार हुए हैं। 3 लोग अभी भी फरार हैं जो भदोही जिले के रहने वाले हैं। उनको जब हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ की गई तो बताया गया कि विगत दो सालों से ये लोग सक्रिय हैं। विगत दो सालों में इनके द्वारा सूरत, प्रयागराज, भदोही, जौनपुर और मध्यप्रदेश के सतना, रीवा, पन्ना कटनी, शहडोल और अनूपपुर जिले में लगभग 4 सौ वारदातें की हैं। इसमें एटीएम बदलकर जो ग्राहक के साथ चीटिंग होती है.. इस तरह के 14 केस रीवा और 6 केस सतना डिस्ट्रिक्ट में रजिस्टर्ड हैं। 20 अपराधों में इनकी गिरफ्तारी की गई है।

इन अपराधों में लगभग 10 लाख रुपये का चीट होना पाया गया है। इनको रिमांड में लेकर पुलिस और जिलों के वारदातों के बारे में पूछताछ करेगी । इनके पास से अलग अलग बैंकों के करीब 30 एटीएम कार्ड्स, 50 हजार रुपये नकद, बाइक और देशी कट्टा बरामद हुआ है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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