जबलपुर पुलिस की दादागिरी, दुकान संचालक के साथ की बदतमीजी और मारपीट, सराफा एसोसिएशन ने किया हंगामा

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार।जबलपुर में सोमवार की देर रात को विजय नगर थाना पुलिस ने सर्राफा बाजार में दीक्षा ज्वेलर्स में घुसकर दुकान की संचालिका भावना जैन और श्रेयांश जैन को गिरफ्तार करने का प्रयास किया।

विजय नगर थाना पुलिस का आरोप है कि इन्होने चोरी के गहने खरीदे हैं। इस दौरान पुलिस ने श्रेयांश जैन को दुकान से बाहर खींचने की कोशिश की और उनके साथ मारपीट की। हंगामा सुनकर उनकी पत्नी भावना जैन उन्हें बचाने आई तो पुलिस ने उनके साथ भी बदतमीजी की और मारपीट की। यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसके बाद दुकान के संचालक श्रेयांश जैन ने सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों को फोन करके बुलाया। भीड़ बढ़ते हुए देखकर विजय नगर थाना पुलिस वहां से हट गई।

 

इधर सराफा एसोसिएशन ने विजय नगर थाना पुलिस की इस गुंडागर्दी के खिलाफ कोतवाली थाने के सामने जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। देर रात को कोतवाली थाने के सामने सभी सराफा व्यवसाई इकट्ठा हो गए और उन्होंने विजय नगर थाना पुलिस के द्वारा की गई गुंडागर्दी का जमकर विरोध किया। काफी देर तक कोतवाली थाने के सामने व्यापारियों के द्वारा नारेबाजी की गई, बाद में कोतवाली पुलिस ने भावना जैन की शिकायत दर्ज कर ली ।

इधर व्यापारियों की मांग है कि  विजय नगर थाना पुलिस की महिला अधिकारी सहित अन्य सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए। मामले को बढ़ता हुआ देखकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, इसके बाद मामला शांत हुआ है। मंगलवार को सराफा एसोसिएशन ने अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है , जिसमें पुलिस के खिलाफ अगले कदम के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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