खाद्द टीम के कड़े तेवर देख दिन में ही बंद हुआ बाजार, कई दुकानों से लिए सैंपल

Gaurav Sharma
Published on -

शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी जिले के खनियाधाना में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के मिलावट खोरों पर कार्रवाई के बयान के बाद जिले भर में प्रशासन ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती कर दी है। वहीं आज इसी क्रम में जिले के खनियाधाना में फूड सुरक्षा अधिकारी जितेंद्र राणा अमला के साथ खुद मैदान में उतर गए और उन्होंने अपनी मौजूदगी में कई दुकानों पर मिलावटी सामान फिकवाने और जब्ती की कार्रवाई की।

फूड सुरक्षा निरक्षक ने मैन बाजार और बस स्टेंड पर स्थित चाट और हलवाई की दुकानों पर छापमार कार्रवाई की। इस दौरान हलवाईयों की दुकानों पर बड़ी संख्या में कई बार इस्तेमाल किया गया खाद्य तेल मौजूद मिला। उक्त तेल के साथ प्रशासन ने बासी मिठाई इत्यादि को फिकवाया। प्रशासन की टीम ने सभी दूध डेयरी, समस्त मिठाई की दुकानों पर पड़ताल कर दूषित खाद्य सामग्री फिकवाई और बनी  रखी सामग्री के सैंपल लिए।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यदि सैंपल अमानक पाए गए तो संबंधितों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी । इस संपूर्ण कार्रवाई से मिलावटखोरों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है कई लोग दुकान बंद करके भाग गए और कई लोग तो दुकान का सामान खाली करते नजर आये।

खाद्द टीम के कड़े तेवर देख दिन में ही बंद हुआ बाजार, कई दुकानों से लिए सैंपल खाद्द टीम के कड़े तेवर देख दिन में ही बंद हुआ बाजार, कई दुकानों से लिए सैंपल


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News