मुरैना, डेस्क रिपोर्ट। देश में बढ़ रहे अपराधों (crime) के चलते देश की जनता कई बार पुलिस को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर देती है, लेकिन वहीं मध्यप्रदेश की मुरैना पुलिस (Morena Police) का एक नया चेहरा सामने आया है। जहां पुलिस ने मानवता की मिसाल ( Example of humanity) पेश की है। मुरैना पुलिस (Morena Police) के आरआई डॉक्टर केपीएस तोमर ने छत्तीसगढ़ से भटकी एक महिला को उसके घर पहुंचाने की तैयारी कर ली है। बता दें कि एक वृद्ध महिला जिसकी उम्र करीब 65 वर्ष है, जिसका नाम द्वारका है, वो भटकते हुए छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में पहुंच गई थी।
छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश के मुरैना पहुंची वृद्ध महिला जिले की सड़कों पर भीख मांग कर अपना गुजारा कर रही थी, जिस पर कुछ समाजसेवियों की नजर पड़ी और उन्होंने वृद्ध महिला को एक वृद्धाश्रम में पहुंचाया। जब यह बात मीडिया के जरिए मुरैना पुलिस तक पहुंची, तो मुरैना पुलिस में पदस्थ आरआई केपीएस ने वृद्ध आश्रम में खुद जाकर वृद्ध महिला से बातचीत की। जहां आरआई को पता चला है कि वृद्ध महिला जून के महीने में अचानक रास्ता भटक कर मुरैना पहुंच गई है।
जब आरआई तोमर ने वृद्ध महिला से बात की तो महिला छत्तीसगढ़ी में बोल रही थी, जिसकी भाषा मध्यप्रदेश में कम ही लोगों को समझ में आती है। जिसके कारण महिला को कोई नहीं समझ पाया। लेकिन आरआई ने वृद्ध महिला की बात सुनी और समझे भी। तब उन्हें पता चला कि वह महिला छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव जिले के चिखली गांव की निवासी है। जिसके बाद आरआई तोमर ने राजनंदगांव के कुछ युवाओं से संपर्क किया और वृद्ध महिला के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कहा।
सोशल मीडिया के जरिए मिली जानकारी
राजनंदगांव के युवाओं ने चिखली गांव के सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए वृद्ध महिला का पता लगाया, जिसमें कुछ समय पहले ही महिला की गुमशुदगी को लेकर फोटो और डिटेल डाली गई थी। बता दें कि पुलिस के द्वारा राजनंदगांव जिले के चिखली गांव पंचायत के करीब 15 हजार से अधिक लोगों की वोटर लिस्ट निकाली गई, जिसके बाद वृद्ध महिला की बहू और बेटे की जानकारी मिल पाई।
मुरैना पुलिस की हो रही सराहना
मुरैना पुलिस के इस कार्य की लोग काफी सराहना कर रहे है। साथ ही एक भटकी हुई वृद्ध महिला की दुआएं भी मुरैना पुलिस को मिल रही है। दरअसल आरआई पुलिस ने सोशल मीडिया और अन्य तकनीक का सहारा लेते हुए वृद्ध महिला के घर का पता लगाया है, जो अपने आप में एक बड़ा कार्य है।
आरआई ने कहा- बुजुर्गों की करनी चाहिए मदद
इस दौरान आरआई केपीएस तोमर ने बताया कि आम लोगों को भी असहाय गरीब बुजुर्गों की मदद करनी चाहिए। साथ ही उनके प्रति हमेशा संवेदनाएं रखनी चाहिए। ऐसे ही अगर बुजुर्गों की मदद की जाए तो कोई भी बुजुर्ग या अन्य व्यक्ति बेघर नहीं होगा। आरआई ने कहा कि वृद्ध महिला के घर वालों को भी जानकारी दे दी गई है, जिसके बाद अब उसके बहू और बेटे वृद्ध महिला को लेने मुरैना आ रहे है। वहीं वृद्ध महिला घर जाने वाली बात सुनकर काफी खुश हुई, साथ ही आरआई को दुआएं दे रही है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।