उज्जैन।
पुणे भीमा कोरेगांव हिंसा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के नक्सलियों से कनेक्शन को लेकर अब एमपी में बयानबाजी तेज हो चली है।चुनाव ,से पहले बीजेपी इसे मुद्दा बना कांग्रेस पर जमकर हमले बोल रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा दिग्विजय सिंह को पार्टी से निष्काषित करने की बात कही है। पात्रा का आरोप है कि दिग्विजय के नक्सलियों से संबंध हैं, उनका फोन नंबर भी सामने आया है, यह राष्ट्र सुरक्षा का विषय है, इसकी जांच होनी चाहिए।इसके साथ ही पात्रा ने सवाल करते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी दिग्विजय सिंह को निष्कासित करेंगे या उन्हें फिर क्रातिकारी कहेंगे। वही मप्र विधानसभा चुनाव से पहले इस आरोप ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है, नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है, कोई नेता कुछ बोलने को तैयार नही है।
दरअसल भीमा कोरेगांव मामले में पेशे से वकील सुरेंद्र गाडलिंग के घर से पुलिस को 25 सितंबर, 2017 की एक चिठ्ठी मिली है। जिसे टॉप सीपीआई(माओवादी) कमांडर प्रकाश ने लिखा है। इस चिठ्ठी में लिखा है कि कांग्रेस के नेता देशभर में विरोध प्रदर्शन के लिए सीपीआई की मदद करने को तैयार हो गए हैं। इसी चिठ्ठी में जिस मोबाइल नंबर का जिक्र किया गया है, वो दिग्विजय सिंह का बताया जा रहा है।इसके बाद से ही भाजपा हमलावर हो चली है। हालांकि इसके बाद दिग्विजय ने सफाई पेश की है और इन सब आरोपों को झूठा बताया है। दिग्विजय ने कहा है कि मैं मोदी-राजनाथ को खुली चुनौती देता हूं, मेरे खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं।
दिग्विजय सिंह अपनी सफाई में कहा है कि पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह देश द्रोही हैं। एमपी पुलिस ने कहा कि कोई सबूत नहीं शिवराज सिहं चौहान संवैधानिक पद पर रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पर झूठा आरोप क्यों लगाया। बीजेपी किसी ना किसी प्रकरण में मेरे खिलाफ आऱोप बनाती है, जिस फोन नंबर का वो ज़िक्र कर रहे हैं वो राज्यसभा को पोर्टल पर सार्वजनिक है, जिसका मैने बीते चार साल से उपयोग बंद कर दिया है। ऐसे में किसी के पास भी ये नंबर हो सकता है। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये मुझसे डरते हैं। अगर सरकार में हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके बताए।