किसान विरोधी बिल को लेकर भारत बंद का सुरक्षा संस्थान के कर्मचारियों ने किया समर्थन

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। किसान विरोधी बिल की आग आज पूरे देश मे लगी हुई है। देश की राजधानी दिल्ली में जहाँ बीते कई दिनों से किसान जमा होकर आंदोलन कर रहे है तो वही किसानों ने आज देश व्यापी बन्द का आव्हान किया है, जिसमे केंद्रीय सुरक्षा संस्थान के कर्मचारी भी शामिल होकर किसान बिल का विरोध किया।

जबलपुर की चारो सुरक्षा संस्थान में कार्यरत कर्मचारीयो में लंच का किया विरोध

भले ही सुरक्षा संस्थान में कार्यरत कर्मचारी किसान आंदोलन में शामिल न हो रहे हो पर उन्होंने किसान बिल का भरपूर विरोध किया है,कर्मचारियों का मानना है कि केंद्र सरकार का ये बिल श्रम और किसान विरोधी है, जिसका की पुरजोर विरोध किया जाएगा। किसान बिल के विरोध में जबलपुर को ओएफके-जीसीएफ-व्हीएफजे और जीआईएफ फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों ने अपने भोजनकाल समय का बहिष्कार किया और फैक्ट्री के बाहर धरना दिया।

आंदोलन में AIDEF और INDWF  संघ हुआ शामिल-BPMS ने बनाई दूरी

रक्षा मंत्रालय से जुड़े देश के तीन बड़े संगठन में दो संघ आल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन और इंडिया नेशनल डिफेंस वर्क्स फेडरेशन जहाँ किसान विरोधी बिल के खिलाफ सड़को पर उतरकर विरोध किया, तो वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। राष्ट्रीय कर्मचारी नेता अरुण दुबे का कहना था कि सुरक्षा संस्थान के कर्मचारी भी केंद्र सरकार से पीड़ित है । सरकार भी सुरक्षा संस्थानों को निजीकरण करने की फिराक में है, इसके साथ ही अब किसान बिल लाकर किसानों को भी सरकार के द्वारा सताया जा रहा है।

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ ने बनाई  दूरी

श्रम और किसान विरोधी बिल को लेकर All India Defence Employees Federation (AIDEF)  और Indian National Defence work Federation (INDWF) ने अपना सहयोग दिया तो वही Bhaartiy Pratirkcha Majdoor Sangh (BPMS) ने किसान विरोधी बिल आंदोलन से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी।

कर्मचारियों ने नही किया भोजन-रखा उपवास

देश भर की 41 केंद्रीय सुरक्षा संस्थान में शामिल ofk-gcf-vfj और gif  के कर्मचारियों ने आज भोजनकाल के समय भोजन नही किया और फैक्टरी के बाहर बैठ कर लंच समय मे धरना दिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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