प्रदेश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आज से 3 दिनों के लिए बन्द, सब्जियों के दाम सातवे आसमान पर

Gaurav Sharma
Published on -

इंदौर,आकाश धोलपुरे। शहर के चोइथराम स्थित देवी अहिल्या फल एवं सब्जी मंडी आज से 3 दिनों तक बंद रखने का निर्णय मंडी कर्मचारी, व्यापारी एसोसिएशन एवं हमाल संघ द्वारा लिया गया है । दरअसल, प्रदेश की सबसे बड़ी देवी अहिल्या बाई फल एवं सब्जी मंडी आगामी 3 दिनों के लिए हड़ताल पर है, क्योंकि मंडी प्रशासन के उपमंडी शुरू करने और निजी हाथों में व्यवस्था सौंपने को लेकर बड़ा विरोध है।

सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदरदास मखीजा ने बताया कि भारत सरकार मॉडल एक्ट के तहत जो नियम लाने जा रही है, इसके तहत प्रदेश में कहीं पर भी किसान अपना माल किसी भी व्यापारी को कहीं पर भी बेच सकता है। जिससे किसान को उचित दाम मिल सके और गांव से मंडी तक आने की भी तकलीफ नहीं उठानी पड़े। इसी के विरोध में मंडी के कर्मचारियों, व्यापारियो और हम्माल संघ को विश्वास में लेकर 3 दिनों के लिए व्यापार व्यवसाय बंद करने का निर्णय लिया गया है।

व्यापारियों का कहना है कि यदि मंडी बाहर लगने लगी तो जो प्रतिदिन 4 से 5 करोड़ का व्यापार फल एवं सब्जी मंडी इंदौर में होता है, उससे होने वाली आय का नुकसान मंडी को तो होगा ही, वहीं किसानों के साथ भी मनमानी की जाएगी और किसानों को सही दाम नहीं मिलेंगे। इसी मामले को लेकर मंडी बोर्ड के कर्मचारियों और व्यापारियों ने 3 दिन मंडी बंद रखने का निर्णय लिया है।

इधर, प्रदेश और इंदौर में जारी बारिश के दौर के सब्जियों के दामो में बेहताशा वृद्धि देखने को मिली है। इंदौर में खेरची विक्रेताओं ने तो मंडी हड़ताल के नाम पर मनमाने दाम वसूलने शुरू कर दिए है। एक आंकलन के मुताबिक हरी सब्जियों के दामो में 40 से 60 प्रतिशत, फलों के दामो में 40 प्रतिशत तो सुखी सब्जियों के दामो में एक ही दिन में 30 प्रतिशत तक उछाल आया है, जिसके चलते आम ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News