केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का कमलनाथ पर निशाना, कहा- हताश होने पर व्यक्ति इस तरह की बातें सोचने लगता है

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के राजनीति से सन्यास लेने वाले बयान पर अब भारतीय जनता पार्टी के नेता तंज कसने लगे हैं,  केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कमलनाथ के राजनीति से सन्यास मामले में कहा है कि व्यक्ति जब हताश हो जाता है और उसकी परेशानियां बढ़ने लगती है तो वह इस तरह की बातें सोचने लगता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर कांग्रेस की क्या सोच है और कमलनाथ जी क्या चाहते हैं यह उनकी अपनी व्यवस्था है, और यह उनको ही तय करना है कि उन्हें कब तक राजनीति करना है और कब सन्यास लेना है।

कांग्रेस नही संभाल पा रही है अपने कार्यकर्ताओं को

केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जबलपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में कांग्रेस पार्टी आज अस्थिर हो गई है, यही कारण है कि उनकी पार्टी के शीर्ष नेता भी अपने कार्यकर्ताओं को नहीं संभाल पा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता लगातार भाग रहे हैं और इस स्थिति के लिए आज कांग्रेस स्वयं ही जिम्मेदार हैं। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज हताश हो गए हैं और यही कारण है कि वह अब इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों पर केंद्रीय मंत्री ने दी सफाई

पूरे देश में जिस तरह से पेट्रोल डीजल के दामों में आग लगी हुई है, उन दामों को लेकर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दामों पर हमारा नियंत्रण बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि इसके दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्धारित होते हैं और वही पेट्रोल डीजल के दामों को स्थाई किया जाता है।  हालांकि उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो पेट्रोल डीजल में टैक्स करके आमजन को राहत दे सकती हैं।

आदिवासी मंत्री होने पर भी बोले केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह

मंत्रिमंडल के विस्तार होने और आदिवासी मंत्री को सहयोग देने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री को करना है और अगर बात की जाए आदिवासी मंत्रियों की तो 4 केबिनेट मंत्री है। ये जरूर है कि  क्षेत्रीय संतुलन की अगर बात की जा रही है तो अभी उसकी संभावना बनी हुई है और जल्दी इस पर भी संतुलन बनाया जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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