Vastu Tips: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। घर के निर्माण से लेकर घर में किस वस्तु को किस दिशा में रखना चाहिए तक का वर्णन वास्तु शास्त्र में विस्तार से किया गया है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। जब कभी भी नए घर का निर्माण होता है तो लोग वास्तु शास्त्र के बताए गए नियमों का पालन करते हैं। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर में किचन, बाथरूम, बेडरूम, डाइनिंग रूम और बालकनी किस दिशा में होनी चाहिए। आज हम खासतौर पर किचन के बारे में जानेंगे। किचन में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है। पूरे घर में किचन को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। आज हम जानेंगे कि वास्तु शास्त्र में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किचन में रखी गई वस्तु किस दिशा में होनी चाहिए, तो चलिए जानते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा होना चाहिए घर का किचन
किस दिशा में होना चाहिए किचन
घर में किचन का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन को दक्षिण दिशा में नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन में अनेक परेशानियां आ सकती हैं। दक्षिण दिशा को यम दिशा माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है। इस दिशा में किचन होने से नकारात्मक ऊर्जा भोजन को प्रभावित कर सकती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, दक्षिण दिशा में सूर्य देव का प्रभाव भी अधिक होता है। यहां किचन होने से सूर्य देव को बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे व्यापार और नौकरी में अड़चनें आ सकती हैं। दक्षिण दिशा के बजाय, उत्तर-पश्चिम दिशा किचन के लिए अधिक उपयुक्त मानी जाती है। यह दिशा वायु देवता द्वारा शासित होती है, जो सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।उत्तर-पश्चिम दिशा में किचन होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
किस दिशा में रखना चाहिए बर्तन
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में बर्तन रखने के लिए पश्चिम दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिशा में बर्तन रखने से कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। पश्चिम दिशा सूर्य देवता द्वारा शासित होती है। सूर्य देव को प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में बर्तन रखने से भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। पश्चिम दिशा वरुण देवता द्वारा भी शासित होती है। वरुण देवता को जल का देवता माना जाता है। इस दिशा में बर्तन रखने से घर में जल संपदा और समृद्धि बनी रहती है। पश्चिम दिशा वायु देवता द्वारा भी शासित होती है। वायु देवता को स्वास्थ्य और सफलता का देवता माना जाता है। इस दिशा में बर्तन रखने से घर में स्वास्थ्य और सफलता का वातावरण बना रहता है।
किस दिशा में होना चाहिए खिड़की
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में खिड़की की दिशा का बहुत महत्व होता है। खिड़की की सही दिशा न केवल प्रकाश और हवा का प्रवाह सुनिश्चित करती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करती है। उत्तर दिशा को कुबेर देवता की दिशा माना जाता है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। इस दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि का आगमन होता है। पूर्व दिशा को सूर्य देवता की दिशा माना जाता है। सूर्य देवता को प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में खिड़की होने से किचन में प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इन दिशाओं के अलावा, किचन में दक्षिण-पूर्व दिशा में भी खिड़की रखी जा सकती है। यह दिशा अग्नि देवता द्वारा शासित होती है, जो भोजन के पाचन में मदद करते हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)