आखिर घर की छत पर क्यों लगाया जाता है झंडा, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

भावना चौबे
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Vastu Shastra: सनातन धर्म में ध्वज का अत्यधिक महत्व है। हर एक मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं की बहुत लोग घर की छत पर भी झंडा लगाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है की घर की छत पर झंडा लगाने का क्या मतलब होता है। इसे क्यों लगाया जाता है। हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का भी विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में घर के निर्माण से लेकर घर में किस वस्तु को किस दिशा में रखना चाहिए तक के कई नियम बताए गए हैं। इसी के चलते आज हम जानेंगे की छत पर झंडा लगाने को लेकर वास्तु शास्त्र में क्या नियम बताए गए हैं और इसका क्या महत्व है, तो चलिए जानते हैं।

घर की छत पर क्यों लगाया जाता है झंडा

घर की छत पर झंडा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर झंडा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके अलावा झंडा घर की शोभा भी बढ़ाता है। ऐसा भी माना जाता है कि घर में झंडा लगाने से सफलता के द्वार खुलते हैं। घर में उन्नति होती है।

किस रंग का झंडा लगाना चाहिए

हिंदू धर्म में भगवा और केसरिया रंग का विशेष महत्व है। इस रंग को बहुत शुभ रंग माना जाता है। ऐसे में भगवा, केसरिया या पीले रंग में से किसी एक रंग का झंडा छत पर लगाना अच्छा माना जाता है। यह तीनों ही रंग सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर खींचते हैं।

किस दिशा में लगाना चाहिए झंडा

घर की छत पर झंडा लगाने की दिशा भी महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर झंडा वायव्य कोण में लगाना चाहिए। वायव्य कोण को वायु का स्थान माना जाता है। इस दिशा में झंडा लगाने से घर में ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

कैसा होना चाहिए झंडा

झंडा साबुत कपड़े का होना चाहिए। किसी भी प्रकार का कोई दाग धब्बा झंडे पर नहीं लगा होना चाहिए। झंडे का कपड़ा कहीं से भी फटा नहीं होना चाहिए। झंडे पर कोई भी धार्मिक श्लोक या शुभ चिन्ह जैसे ओम या स्वास्तिक बना होना चाहिए। झंडे का रंग हल्का होना चाहिए। काले या नीले रंग का झंडा भूल कर भी नहीं लगना चाहिए।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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