Rajyog 2023 : बुध के उदय से बनेगा विशेष राजयोग, सिंह धनु सहित 4 राशियों की बदलेगी किस्मत, धन-सम्मान, संपत्ति-नौकरी, भद्र राजयोग-जय योग से गौरव-सफलता

Kashish Trivedi
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grah gochar

Amla Rajyog, Rajyog 2023, Astrology, Bhadra Rajyog, Jai Yog : कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति जातकों को महत्वपूर्ण लाभ देती है। वही कुंडली कुल मिलाकर अच्छे कर्मों के संकेत होते हैं। कुंडली के दसवें घर को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वही 10th  भाव में यदि ग्रहों की मजबूत स्थिति है तो जातक को करियर संबंधित लाभ मिलता है। इसके साथ ही उनके रोजगार पेशे में भी वृद्धि देखी जाती है।

अमला योग का निर्माण

वैदिक ज्योतिष में कुंडली के भाव और ग्रह कुछ विशेष परिस्थिति के कारण योग और राजयोग का निर्माण करते हैं। वही कुंडली में कोई शुभ ग्रह यदि दसवें घर में हो तो उसमें अमला योग का निर्माण होता है।

अमला योग मूलतः सभी जातकों के कुंडली में देखने को मिल सकता है। दरअसल चंद्रमा में या लग्न से दशम भाव में कोई शुभ ग्रह होने की स्थिति में अमला योग का निर्माण होता है। वही कुंडली में यदि बुध शुक्र गुरु 10th घर में स्थित हो तो जातक को धन समृद्धि का लाभ मिलता है। इसके साथ ही संपत्ति में वृद्धि होती है। व्यापारी अपने व्यापार का विस्तार करता है जबकि छात्रों को मनचाही नौकरी का लाभ मिलता है।

गुरु के प्रभाव से अमला योग 

गुरु के प्रभाव से अमला योग और सशक्त माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा से यह लगने से दसवें भाव में गुरु विराजमान हो तो जातक के जीवन में सफलता देखने को मिलती है। अच्छी कल्पना शक्ति के साथ में ज्ञान की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही गुरु की मजबूती से जातक कार्यस्थल में प्रगति और तरक्की प्राप्त करता है। साथ ही एक प्रख्यात शिक्षक सहित गुरु और उच्च पद पर नियुक्ति प्राप्त कर सफलता हासिल करते धन वैभव ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।

शुक्र के साथ अमला योग के निर्माण

कुंडली में शुक्र के साथ अमला योग के निर्माण पर जातकों के जीवन में धन की कमी नहीं होती। इसके साथ ही उन्हें समृद्धि का लाभ मिलता है। प्रचुर संपत्ति के मालिक बनते हैं। साथ ही इनके व्यापार में वृद्धि देखी जाती है। समृद्ध जीवन जीने के साथ ही भोग विलासिता का अनुभव लेते हैं। इसके लिए कुंडली में चंद्रमा से या लग्न से दसवें भाव में शुक्र होने पर अमला योग का निर्माण होता है।

बुध की मजबूत स्थिति से भी अमला योग का निर्माण

वही कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति से भी अमला योग का निर्माण होता है। किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा से-लग्न से दसवें भाव में बुध मजबूत अवस्था में विराजमान हो तो जातक को पत्रकारिता सहित मीडिया और उपन्यास लेखन आदि करियर में सफलता प्राप्त होती है। भौतिकवादी सुखों को प्राप्त करने के साथ ही साथ इन्हें प्रेम सम्मान का लाभ मिलता है। साथ ही इनकी लोकप्रियता और इनके बुद्धि और ज्ञान के चर्चे देखने को मिलते हैं।

अमला राजयोग का लाभ

अमला योग से जातक अपने उत्कृष्ट कार्यों से समाज में मान सम्मान प्राप्त करता है। राजकीय सुख सुविधा का अनुभव होता है। सात्विक, दानी और परोपकारी स्वभाव के होते हैं। इसके साथ ही व्यापार में तरक्की होती है नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही धनधान्य में और समृद्धि में लगातार वृद्धि देखी जाती है।

भद्र राजयोग

ग्रहों के उदय और अस्त होने का भी जातको के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। 11 जुलाई को बुध एक बार फिर से उदय होने जा रहे हैं। बुद्ध के उदय होने पर कई राशियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें विजय, सफलता सहित करियर मिलेगा। स्वास्थ्य संबंधित परेशानी दूर होगी।

इन राशियों को लाभ

कन्या 

कन्या राशि वाले के लिए दसवें भाव में इस राजयोग के निर्माण से नौकरी व्यवसाय में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही प्रतिभाओं में विकास देखने को मिलेगा। नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को नौकरी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा मनचाही नौकरी सहित ट्रांसफर और प्रमोशन देखने को मिल सकते हैं। पैतृक व्यवसाय में इजाफा देखा जाएगा। साथ ही पैतृक संपत्ति के मालिक बन सकते हैं।

सिंह

सिंह राशि वाले को भद्र राजयोग का लाभ मिलेगा। आपकी राशि के धन भाव में राजयोग का निर्माण होने से धन में वृद्धि होगी। साथ ही सामाजिक तौर पर लोकप्रियता हासिल करेंगे। किसी बड़े संस्थान से जुड़ सकते हैं। इसके साथ ही धन संबंधित परेशानी दूर होगी। निवेश रिटर्न प्राप्त होगा। बड़ी बिजनेस फाइनल हो सकती है। इसके साथ ही समृद्धि का भी लाभ मिलेगा।

धनु

धनु राशि वाले को भद्र राजयोग का लाभ मिलेगा। कुंडली के सातवें भाव में बनने की वजह से शादीशुदा जातको के बीच मधुरता बनी रहेगी। नए लोगों के संपर्क में आएंगे। अविवाहित लोगों को रिश्ते के प्रस्ताव मिल सकते हैं। परिवार और दोस्त के साथ यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें सम्मान का लाभ मिलेगा।

जय योग

कुंडली में छठे भाव के स्वामी के कमजोर और दशमेश के उच्च होने पर जय योग का निर्माण होता है। छठे भाव शत्रु और अवरोध का भाव माना जाता है। वहीं दसवां भाव व्यावसायिक कार्य और व्यवसाय द्वारा अर्जित धन का भाव होता है ।ऐसे में छठे भाव के स्वामी कमजोर होने पर और दशमेश के उच्च स्थान प्राप्त करने पर जय योग का लाभ जातकों को मिलता है।

छठे भाव के स्वामी के दुर्बल अवस्था में होने पर व्यक्ति को शत्रु नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं। स्वास्थ्य संबंधित परेशानी भी नहीं रहती है। अच्छी नौकरी मिलने के साथ ही नौकरी में पदोन्नति इंक्रीमेंट देखने को मिलता है। साथ ही दसवीं भाव के स्वामी के मजबूत रहने पर वेतन वृद्धि देखने को मिलती है। व्यवसायिक सफलता प्राप्त होती है।

जय योग का लाभ

  • जय योग का निर्माण होने पर जातकों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही नकारात्मकता समाप्त होती है।
  • स्वास्थ्य संबंधित परेशानी दूर होने के साथ ही आर्थिक दृष्टि से यह योग उत्तम माना जाता है।
  • रोगमुक्त शरीर के साथ ही अचल संपत्ति और अच्छे स्वास्थ्य के मालिक होते हैं।
  • साथ ही आर्थिक रूप से भी सशक्त और मजबूत रहते हैं।
  • इस योग का निर्माण होने पर जातक संपन्न, स्वतंत्र , प्रतिष्ठा और मान सम्मान प्राप्त करता है।
  • साथ ही वाद-विवाद में सफलता प्राप्त करने के साथ ही विरोधियों को परास्त करने की क्षमता होती है।

 

(Disclaimer: यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और नियम नीति के लिए अपने ज्योतिषाचार्य से संपर्क अवश्य करें।)


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