Rajyog 2023 : सिंह, धनु सहित इन राशियों को 2 महत्वपूर्ण राजयोग का लाभ, पद-प्रतिष्ठा-संपत्ति-धन-नौकरी लाभ, महाधन राजयोग से व्यापार, निवेश, सफलता

Kashish Trivedi
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rajyog 2024

Bhadra Rajyog, Gajkesari Rajyog, Astrology : जुलाई महीने में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा। बुध के उदय होने के साथ ही महत्वपूर्ण राजयोग का निर्माण होगा। जिससे 3 राशियों के भाग्योदय सहित उनके भाग्य में वृद्धि होगी। बुध ग्रह 11 जुलाई को उदय होंगे। इसके साथ ही 3 राशियों के लिए कई महत्वपूर्ण महायोग और राजयोग का निर्माण करेंगे।

बुध का उदय

वैदिक पंचांग में ग्रह समय-समय पर उदय और अस्त होते हैं। इसका प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है। बुध ग्रह 11 जुलाई को उदय होने जा रहे हैं। 3 राशियों के कई और कारोबार में तरक्की देने के साथ ही वह उन्हें महत्वपूर्ण लाभ देने वाले है।

भद्र राजयोग

पंच महापुरुष योग को कुंडली में बेहद महत्वपूर्ण योग माना जाता है। बुध मंगल, गुरु, शुक्र और शनि केंद्र भाव में अपनी अपनी राशि में मजबूत स्थिति में बैठे हो तब इस योग का निर्माण होता है। पंच महापुरुष राजयोग में ही भद्र योग शामिल होते हैं। बुध ग्रह से भद्र राजयोग का निर्माण होता है।

ग्रहों के राजकुमार बुध को विश्लेषणात्मक क्षमता भाषण संचार, कौशल प्रबंधन, तकनीक, लेखन क्षमता लचीलापन, अच्छे स्वास्थ्य सहित कौशल प्रतिभा के धनी, चीजों से संबंधित ग्रह माना जाता है। प्रथम, चतुर्थ, सातवें और दसवें भाव में बुध कुंडली में अपनी खुद की राशि मिथुन और कन्या राशि में विराजमान होते हैं, तब भद्र राजयोग का निर्माण होता है।

भद्र राजयोग का निर्माण

कुंडली के प्रथम घर में बुध के भद्र योग बनने से जातक को ऐश्वर्या, मान सम्मान से व्यवसायिक सफलता सहित स्वास्थ्य का लाभ मिलता है। वहीं चौथे भाव में भद्रा योग के निर्माण से वैवाहिक सुख, विदेश भ्रमण सहित शुभ फल प्राप्त होते हैं। सातवें भाव में योग के निर्माण होने से वैवाहिक सुख सहित प्रतिष्ठा और प्रभुत्व में वृद्धि होती है जबकि दूसरे भाव में इस योग के निर्माण से नौकरी पेशा, पदोन्नति सहित इंक्रीमेंट के आसार नजर आते हैं।

इन राशियों को लाभ

कन्या 

कन्या राशि को भद्र राज्यों का लाभ मिलेगा। यह राजयोग आपकी राशि के दशम भाव में बनने जा रहे हैं। ऐसे में कारोबार में अच्छी सफलता मिलेगी। मीडिया लेखन और कला से जुड़े लोगों को प्रतिभा का लाभ मिलेगा। मनचाही नौकरी मिल सकती है। इसके साथ ही प्रमोशन और ट्रांसफर जैसे हालात निर्मित हो सकते हैं। पैतृक बिजनेस का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पैतृक संपत्ति पर भी महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है।

सिंह

सिंह राशि वाले को भद्रा राजयोग का लाभ मिलेगा। यह राजयोग आपके आय भाव में हो रहा है। ऐसे में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। सामाजिक रूप से लोकप्रियता बढ़ेगी। बड़ी संस्था के साथ जुड़ सकते हैं। साथ ही कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। सट्टा लॉटरी से लाभ मिलेगा।

धनु

भद्र राजयोग धनु राशि के लिए बेहद लाभकारी माना जा रहा है। कुंडली के सप्तम भाव में इसके गोचर होने से लोगों की जिंदगी में मिठास है। नए व्यापार का लाभ मिल सकता है। तरक्की होगी। इसके साथ ही नए लोगों से जुड़ेंगे। नए प्रस्ताव सामने आ सकते हैं। साथ ही विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। धन वैभव ऐश्वर्य में वृद्धि हो सकती है।

गजकेसरी योग

कुंडली में गजकेसरी योग को बेहद शुभ माना जाता है। कुंडली में चंद्रमा और गुरु के केंद्र भाव के पहले चौथे सातवें और दसवें भाव में स्थित होने पर गजकेसरी योग का निर्माण होता है। इस योग के निर्माण से नक्षत्र और गुरु की स्थिति को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु को धार्मिक कार्य दान, पुण्य और संतान का कारक माना जाता है जबकि चंद्रमा मानसिक स्थिति, मनोबल सहित सुख शांति धन संपत्ति का कारक माना जाता है।

गजकेसरी योग का लाभ

  • ऐसे में गजकेसरी योग के निर्माण होने से उच्च पद की प्राप्ति सहित राजसी से सुख का लाभ मिलता है।
  • इसके साथ ही गणपति की सदैव कृपा होती है।
  • बुद्धि विवेक में वृद्धि होती है।
  • समाज में मान पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • जातक तंदुरुस्त फुर्ती ले होते हैं और
  • अपनी कार्य क्षमता से कार्य को समय पर पूरा करते हैं।

गजकेसरी योग का निर्माण

  • बृहस्पति और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग का निर्माण होता है या फिर केंद्र में गुरु और चंद्रमा एक दूसरे को देख रहे हो, तब गजकेसरी योग का निर्माण होते हैं।
  • गजकेसरी योग का निर्माण गुरु की चंद्रमा पर पांचवी और नवमी दृष्टि से भी निर्मित होता है।
  • गुरु और चंद्रमा कर्क राशि में एक साथ हो और कोई अशुभ ग्रह इन्हें ना देख रहा हो, तभी गजकेसरी योग का निर्माण होता है।

 

(Disclaimer : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और नियम नीति के लिए अपने ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।)


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