Kendra Trikon Rajyog, Astrology, Parivartan Rajyog : वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के परिवर्तन का जातकों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। कुंडली में शुभ योग से जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसी बीच शनि के वक्री अवस्था शुरू हो गई है। जिसके साथ ही मूलत्रिकोण राजयोग शुरू हो गए हैं।
मूलत्रिकोण राजयोग का निर्माण
शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति जीवन में तरक्की करेंगे। शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति पर अशुभ प्रभाव पड़ते हैं। 17 जून को कुंभ राशि में शनि वक्री हो गए हैं। इसके साथ ही मूलत्रिकोण राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।
मेष
केंद्र त्रिकोण राजयोग का लाभ कई राशियों को मिलेगा। मेष राशि के जातक के लिए शनि का वक्री होने लाभकारी रहेगा। संपत्ति में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आर्थिक परेशानी दूर होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। संतान को धन की प्राप्ति होगी। साथ ही संतान को तरक्की और प्रतिष्ठा सम्मान का लाभ मिलेगा।
वृषभ
वृषभ राशि में केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने से व्यक्ति के जीवन में कई अहम बदलाव होंगे। मनचाही नौकरी मिलेगी। कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके साथ ही स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं।इतना ही नहीं जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आएंगे। व्यापार में इजाफा देखने को मिलेगा।
मिथुन
मिथुन राशि के जातक पर शनि की कृपा बनी रहेगी। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ हासिल करेंगे। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। साथ ही व्यापार में मुनाफा होगा। विदेश गमन के साथ ही स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। पुरानी बीमारी से छुटकारा मिलेगा।
सिंह
सिंह राशि के लिए मूल त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा। आर्थिक फायदा मिलेगा। धन लाभ की संभावना है। जातकों के रुके हुए कार्य पूरे होंगे। बिजनेस डील हो सकती है। इसके साथ ही नौकरी पक्की हो सकती है।
अधि योग
अधि योग एक वैदिक योग है। कुंडली में अधि योग का निर्माण होता है, जब तीन शुभ ग्रह बृहस्पति, शुक्र और बुध चंद्रमा से छठी सातवीं और आठवीं घर में मौजूद हो। इस विशेष राजयोग की उपस्थिति में जातकों के जीवन में खुशी और स्थिरता देखने को मिलती है।
कुंडली में यह राजयोग तब बनता है जब जन्म के चंद्रमा से गुरु, शुक्र और बुध छठे या आठवें भाव में स्थित होते हैं। अधि राज योग को चंद्राधि राज योग के नाम से भी जाना जाता है। यह राज योग व्यक्ति को महान ज्ञान, सफलता और नेतृत्व के गुण प्रदान करता है
अधि योग का लाभ
अधि योग से अचानक धन लाभ के संकेत मिलते हैं। पदोन्नति का लाभ मिलता है। दूसरों में विश्वास करते हैं। सम्मान को प्रेरित करने के लिए बेहतर क्षमता विकसित करते हैं। सौम्य और परोपकारी स्वभाव में भी वृद्धि होती है। शत्रु पर विजय प्राप्त करेंगे। शक्तिशाली लोगों की उन्नति प्राप्त होगी। इसके साथ ही व्यवहारिक सुख का आनंद मिलेगा। नाम और प्रसिद्धि अर्जित करेंगे। धन और सम्मान अर्जित करेंगे। विद्वान बनने के साथ ही नए अवसर मिलेंगे।
परिवर्तन राजयोग
परिवर्तन राजयोग का निर्माण तब होता है, जब दो ग्रह अपने भाव को आदान प्रदान करते हैं। ग्रहों के स्वामित्व वाले भाव के संयुक्त आदान-प्रदान से परिवर्तन योग का निर्माण होता है। यह अपने भावों पर अपना प्रभाव डालते हैं। विनिमय योग जन्म कुंडली में ही देखे जाते हैं। जन्म कुंडली में शुभ योग का बनना कुंडली को शक्तिशाली बनाता है।
राजयोग और धन योग के अलावा अन्य अनुकूल योग है, जो जन्मकुंडली को शक्तिशाली बनाते हैं। परिवर्तन योग हमेशा सकारात्मक है। ऐसा आवश्यक नहीं है। कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों भाव में इसे शामिल किया जाता है। यदि लाभ भाव के स्वामी विनिमय में शामिल हो तो परिवर्तन योग लाभकारी होते हैं। परिवर्तन का अर्थ केवल राशियों का आधार प्रदान नहीं होता है। इसका अर्थ है शक्ति ऊर्जा एक दूसरे की प्रकृति का आदान प्रदान करना।
परिवर्तन राजयोग का लाभ
जातकों के जीवन में अनुकूल प्रभाव पड़ता है। धन प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। इसके साथ ही उन्हें समृद्धि का लाभ मिलता है। भाग्योदय होता है। साथ ही उनके भौतिक सुख, संपन्नता में वृद्धि होती है।