Mahadhan Rajyog, Astrology 2023 : वैदिक ज्योतिष में गुरु को सबसे प्रभावी ग्रह माना जाता है। गुरु को राशि परिवर्तन करने में लगभग 18 महीने के आस-पास का समय लगता है। वही गुरु उदय और अस्त भी होते हैं। बता दें कि गुरु ग्रह उदित होते हैं तो मांगलिक कार्य पर पाबंदी लग जाती है।
वही 27 अप्रैल को एक बार फिर से गुरु मेष राशि में उदित हुए हैं। मेष राशि में गुरु के उदित होने के साथ ही महाधन राजयोग का भी निर्माण शुरू हो गया है। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को लग्जरी लाइफ सहित रोमांस का कारक माना गया है। वहीं शुक्र ग्रह यदि शुभ स्थिति में हो तो जातक को धन संपत्ति का लाभ दिया मिलता है। वही शुक्र के वृषभ राशि में गोचर करने के साथ ही महाधन राजयोग का भी निर्माण हुआ है।
इन राशियों को मिलेगा लाभ
मेष
मेष राशि में गुरु के गोचर और गुरु के उदय होने के साथ ही महाधन राजयोग का निर्माण हो गया है। इसका लाभ सबसे अधिक मेष राशि के जातकों को मिलेगा। उन्हें धन और संपत्ति के लाभ मिलने के साथ ही कैरियर में उन्नति मिलेगी। आय बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही उन्हें कार्यस्थल पर नवीन जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। मेष राशि के लग्न भाव में गुरु उदित हुए हैं। ऐसे में उनकी सारी इच्छाओं की पूर्ति होगी। करियर में संतुष्ट नजर आएंगे । सफलता हाथ लगेगी। हालांकि स्वास्थ्य पर अत्यधिक ध्यान देना होगा। जीवनसाथी का सहयोग मिल सकता है।
कर्क
कर्क राशि के जातकों को महाधन राजयोग का लाभ मिलेगा। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होने के साथ ही राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर भी उन्हें महत्वपूर्ण लाभ मिल सकता है। उन्हें किस्मत का लाभ मिलेगा कैरियर में अच्छी सफलता हाथ लगेगी। पदोन्नति के भी संकेत मिल रहे हैं। इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकता है। हालांकि कर्क राशि वाले पर शनि की साढ़ेसाती है। ऐसे में उन्हें सेहत के मामले में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर कोई बड़ी डील पक्की हो सकती है।
धनु
महाधन राजयोग कल आप धनु राशि को मिलेगा। उनके लिए अनुकूल समय चल रहा है। संतान पक्ष से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। संतान की तरक्की हो सकती है। नौकरी पेशा लोगों को प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। गुरु चतुर्थ भाव के स्वामी है। ऐसे में प्रॉपर्टी और वाहन में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही गुरु आपके पंचम भाव में उदित हुए हैं। ऐसे में आपके संतान के दायित्व की पूर्ति होगी।
इन राजयोग से मिलेगा धन लाभ
- गुरु जब दसवें और ग्यारहवें भाव में और सूर्य और मंगल चौथे और पांचवें भाव में विराजमान हो तब ग्रह की स्थिति विपरीत होने पर व्यक्ति प्रशासनिक क्षमताओं से धन अर्जित करते हैं
- बुध शुक्र और शनि जिस भाव में एक साथ रहते हैं उस भाव में यदि सुदृढ़ स्थिति में हो तो व्यक्ति को व्यापार में उन्नति मिलती है।
- दसवें भाव का स्वामी वृषभ तुला में विराजमान हो और शुक्र सातवें भाव का स्वामी दसवें भाव में विराजमान हो तो विवाह से और पत्नी के कमाई से लाभ मिलता है।
- बुध, शुक्र और गुरु किसी भी ग्रह में एक साथ हो तो धार्मिक कार्यों से व्यक्ति धनवान बनता है पंडित ज्योतिषी, पुरोहित और धर्म संस्था का प्रमुख बनकर व धन लाभ अर्जित करते हैं।
- सातवें भाव में मंगल या शनि बैठे हों और ग्यारहवें भाव में केतु को छोड़कर कोई अन्य ग्रह बैठे हो तो व्यक्ति व्यवसाय के साथ अतुलनीय धन प्राप्त करता है।
- हालांकि केतू ग्यारहवें भाव में बैठे हो तो विदेशी व्यापार से धन अर्जन होते हैं।