Chandra Grahan 2023 : जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है। आज से तीन महिने बाद साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण बेहद खास रहेगा क्योंकि यह पूरे साल में लगने वाले सभी ग्रहणों में एक मात्र ऐसा ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल भी मान्य होगा। विज्ञान में इसे खगोलीय घटना माना जाता है लेकिन धर्म और ज्योतिष में भी इसका विशेष महत्व माना गया है।
अक्टूबर में लगेगा दूसरा सूर्य ग्रहण
पंचांग के अनुसार, इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को लगेगा। यह ग्रहण का समय 01.06 बजे शुरू होगा और 02.22 बजे समाप्त होगा। भारत में इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी । 8 नवंबर 2022 के पूर्ण चंद्र ग्रहण के बाद अब अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण जो भारत में दिखाई देगा, वह 7 सितंबर 2025 को होगा। चुंकी चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, जो 28 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा, ऐसे में चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ समेत सभी शुभ कार्य वर्जित होंगे। मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे ।
भारत के अलावा इन देशों में भी दिखेगा प्रभाव
इससे पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा के दिन लगा था, यह ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा।
क्या होता है चन्द्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
राशियों पर कैसा प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, यह एक खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा। यह चन्द्र ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि अक्टूबर में राहु केतु भी अपनी चाल बदलेंगे, जिसका कई राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।मेष मिथुन धनु और मकर राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि धनु और मिथुन राशि वालों को यह धन और करियर में लाभ दिलाएगा। चंद्रग्रहण के दौरान अश्विनी नक्षत्र में जन्मे और मेष राशि वालों को संभलकर रहना होगा।
सूतक काल के वर्जित कार्य
1. सूतक काल के समय में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और पूजा पाठ पर रोक रहेगी।
2. इस समय में भोजन करना या बनाना दोनों ही मना होता है।
3. सूतक काल में सोना वर्जित होता है. बीमार लोगों को इससे राहत होती है।
4. सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी रखनी होती है।
5. विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)