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Sun, Dec 14, 2025

खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य? जानें इस महीने से जुड़े विशेष नियम और उपाय

Written by:Diksha Bhanupriy
खरमास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। चलिए हम आपको इसके महत्व, नियम और उपायों के बारे में बता देते हैं। इससे आपके जीवन में सकारात्मकता आएगी।
खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य? जानें इस महीने से जुड़े विशेष नियम और उपाय

16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो जाएगी। यह ऐसा समय होता है जब विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, मांगलिक गतिविधियों या फिर किसी नई चीज की शुरुआत नहीं की जाती है। इस दौरान दान पुण्य, पूजा और तीर्थ यात्रा का विशेष फल माना गया है। इस समय की गई पूजन का कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होता है।

खरमास को लेकर यह मान्यता है कि इस समय सूर्य देव की पूजन करना बहुत शुभ होता है। सूर्य देव की कृपा से व्यक्ति की मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। हालांकि, इस समय उनकी ऊर्जा थोड़ी कम होती है इसलिए मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। चलिए आज हम आपको खरमास के महत्व और इस दौरान ध्यान रखने वाले कुछ नियम और उपाय बता देते हैं।

खरमास का है विशेष महत्व

हिंदू धर्म में इस महीने का बहुत महत्व माना गया है। धार्मिक और ज्योतिषी दृष्टि से इसे अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह वह समय है जब सूर्य देव धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करते हैं। तब उनकी ऊर्जा थोड़ी कम होती है। दरअसल, सूर्य देव को नवग्रह का राजा और आत्मा का प्रतीक माना जाता है। उनकी मजबूती के बिना मांगलिक कार्यों का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। यही कारण है कि इस समय मंगल कामों की मनाही होती है। इसके साथ देवगुरु बृहस्पति जो ज्ञान, धर्म और शुभ फल के कारक है वह भी अपनी पूर्ण शक्ति में नहीं होते हैं।

ना करें ये काम

खरमास को लेकर जो नियम मिलते हैं उसके मुताबिक इस समय गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन संस्कार जैसी गतिविधि अगर की जाती है तो उनका शुभ फल कमजोर होता है या फिर अधूरा रह जाता है। इस अवधि में जितना हो सके इन कार्यों को टालना उचित और लाभकारी माना गया है। यह समय धार्मिक क्रियाओं पर ध्यान देने का होता है। इस समय पूजन पाठ धार्मिक अनुष्ठान और तीर्थ यात्रा जैसे काम करने चाहिए। इनका भविष्य में अच्छा परिणाम प्राप्त होता है।

करें ये उपाय

  • खरमास में शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु, शिव और देवी देवताओं की आराधना करना शुभ माना गया है। इससे मन संतुलित रहता है और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। पारिवारिक सामंजस्य के लिए इसे अच्छा माना गया है।
  • इस महीने में जरूरतमंदों और गरीबों को भोजन और वस्त्र जैसी सामग्री का दान देना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक फल और पुण्य बढ़ता है।
  • इस समय धार्मिक दर्शन व्यक्ति को मानसिक उन्नति और ऊर्जा देने का काम करते हैं। नियमों का पालन कर की गई यात्रा शुभ परिणाम देती है।
  • खरमास में घर में मौजूद पूजा स्थल के शुद्धिकरण का ध्यान रखें। दीपक जरूर लगाएं। सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • इस दौरान ध्यान करना मानसिक स्थिरता, आत्म चेतना और सकारात्मक ऊर्जा देने का काम करता है। इससे जीवन संतुलित रहता है उन्होंने निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।