Shadashtak Yog, Dhan Yog, Astrology : ग्रहों के परिवर्तन के साथ ही अन्य ग्रहों की युति से कई महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण होता है। मंगल का शनि के संपर्क में आने से 10 मई से 1 जुलाई तक षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है।जिसके कारण 3 राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
वैदिक ज्योतिष में भूमि पुत्र मंगल को अग्नि का कारक माना जाता है। चंद्रमा जल के कारक है और जल और अग्नि का कोई मेल नहीं है ऐसे में चंद्रमा की राशि कर्क में जाकर वह नीच के हो जाते हैं। वही मंगल की शक्ति छीन होने पर वह अशुभ परिणाम देते हैं।
स्थान परिवर्तन के साथ ही मंगल 10 मई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 1 जुलाई तक यहीं पर विराजमान रहने वाले है। इस दौरान शनि के षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में 10 मई से 1 जुलाई तक तीन राशियों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है।
आइए जानते हैं कौन है वह राशियां
मिथुन
मंगल का गोचर धन भाव में होगा। ऐसे में मिथुन राशि वाले को सावधान रहने की जरूरत है। भाव में मंगल का गोचर आपको क्रोधित बना सकता है। संपत्ति के मामले में कुछ विवाद देखने को मिल सकते हैं। धन के निवेश को लेकर आपको सावधानी बरतनी होगी। निवेश का उचित फल नहीं मिलेगा। कलह का सामना करना पड़ सकता है। सेहत का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल का गोचर द्वादश भाव में होगा। ऐसे में खर्च में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मानसिक तनाव में वृद्धि देखी जाएगी। भवन निर्माण की गतिविधि में बेवजह के कष्ट सामने आ सकते हैं। कोई भी कार्य में बीच में परेशानी खड़ी हो सकती है। विदेश में रहने वाले को किसी भी तरह के वाद विवाद से बचना होगा। आयात निर्यात और धन के मामले में बड़ा नुकसान लग सकता है।
धनु
वही धनु राशि के जातकों के लिए मंगल का गोचर अष्टम भाव में होगा। राशि के अष्टम भाव में गोचर शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे से स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। रक्त विकार की समस्या देखने को मिलेगी। मानसिक तनाव में वृद्धि होगी। चोट लगने के आसार नजर आ रहे हैं। सड़क दुर्घटना हो सकती है। सावधान रहने की आवश्यकता है। ससुराल पक्ष के साथ किसी भी तरह के आर्थिक लेनदेन से बचने की सलाह दी जा रही है। दांपत्य जीवन में कलह के संकेत मिल रहे हैं।
धन योग का लाभ
वही धन योग का लाभ कई राशियों को मिलने वाला है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सबसे ज्यादा धन कमाने के इच्छुक राशि शुक्र, मंगल, चंद्र, और सूर्य की राशि होती है। यह ग्रह काफी शुभ माने जाते हैं। ऐसे में किसी जातक की कुंडली में इनकी स्थिति सही रहती है तो उन्हें धन सहित पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान के साथ हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। शुक्र ग्रह की राशि वृषभ, मंगल की राशि मेष वृश्चिक, सूर्य की राशि सिंह और चंद्र की राशि कर्क राशि के जातकों को सबसे अधिक धन कमाने की लालसा होती है।
कुंडली में धन भाव होने पर जातकों को सफलता और धन का लाभ मिलता है। धन का संबंध दूसरे और आठवें भाव से हैं। जिनके स्वामी वृषभ और वृश्चिक राशि हैं। इसके अलावा 9वें, 11वें और 12वें भाव को भाग्य का भाव कहा जाता है।
ऐसे में हर एक की कुंडली में धन का भाव अलग होता है। जानें कैसे मिलता है धन का लाभ
- कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक साथ किसी भाव में स्थित हो तो, इसे चंद्र मंगल योग कहा जाता है। इसको धन योग का भाव भी माना जाता है।
- अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल शुक्र के साथ युति बना रहे हैं तो जातक को स्त्री पक्ष से धन का लाभ होते हैं।
- अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल और गुरु की युति है तो धन लाभ के योग मिलते हैं।
- वहीं यदि किसी जातक की कुंडली के 10वें या फिर 11वें भाव में गुरु विराजमान हो, सूर्य मंगल 5वे भाव में स्थित हो तो जातक को प्रशासनिक क्षमताओं से धन लाभ होते हैं।
- कुंडली के सातवें भाव में मंगल या शनि बैठे हों। इसके साथ ही एक ग्यारहवें भाव में शनि या राहु हो तो जातक गलत तरीके से पैसा कमाते हैं।