Rajyog : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर किसी जातक की कुंडली में शनि में लग्न और चंद्र से 1,7,4 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में हो तो कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है। ये योग बेहद शक्तिशाली और प्रभावी होता है। इस योग के निर्माण से जातक के जीवन में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिलते हैं। आपको बता दे, जब-जब शनिदेव अपनी चाल या दिशा बदलते हैं तब-तब इस व्यापक प्रभाव सभी राशियों के जातकों के ऊपर होता है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि के स्थान का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसे में जब भी उनकी अच्छी दृष्टि किसी जातक पर रहती है तो वह मालामाल होने के साथ ही जीवन मी सफल हो जाता है। लेकिन अगर किसी जातक पर शनि की दृष्टि ख़राब होती है तो व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है। वहीं जिस भी जातक की कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है उसके जीवन में काफी ज्यादा बदलाव होते हैं। चलिए जानते हैं शश योग से होने वाले लाभों के बारे में –
शश Rajyog के प्रभाव
- जिस भी व्यक्ति की कुंडली में शीश योग होता है, वह समाज में ऊंचे पद पर कार्यरत रहता है। उसका जीवन काफी ज्यादा सफल होता है।
- शश योग वाले व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त होती है। राजनीतिक क्षेत्र में भी वह काफी ज्यादा अच्छे पद पर रहता है।
- इस योग वाले व्यक्ति को शनि देव हमेशा मदद करते हैं। इतना ही नहीं वह व्यक्ति के अच्छे गुण को भी बाहर लाने में मदद करते हैं और उसे सफलता के रास्ते आगे बढ़ाते हैं।
- जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में शश योग का निर्माण होता है वो व्यक्ति मालामाल हो जाता है। उसे अपार धन की प्राप्ति होती है।
- शश योग वाले व्यक्ति वकील, नेता और सरकारी अफसर बनते हैं। हालांकि ये कठिन परिश्रम से अपने पद को हासिल करते हैं। लेकिन शनिदेव इनके रास्ते साफ़ कर देते हैं।