Astrology: हिन्दू धर्म में मोरपंख का खास महत्व होता है। मोर भगवान कार्तिकेय की सवारी है। वहीं इसका संबंध अन्य कई देवी-देवताओं से होता है। इसे माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती से भी जोड़ा जाता है। भगवान कृष्ण मोर के पंख को अपने माथे पर सजाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है मोरपंख का ग्रहों से भी खास संबंध होता है। मान्यताएं हैं इसमें नवग्रहों का वास होता है। ग्रहों के अनुसार मोरपंख के कुछ उपायों को आजमाकर जीवन की परेशानियाँ दूर की जा सकती है।
सूर्य
रविवार के दिन 9 मोरपंखों के नीचे मरून धागा बांध लें। अब इसे इन पंखों को एक थाली में सुपारी के साथ रखें। गंगाजल का छिड़कें और 21 बार “ॐ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा” का जाप करें।
शनि
शनिवार के दिन मोरपंखों के नीचे काला धागा बांधे। थाली में 3 सुपारी और मोरपंखों को लेकर गंगाजल का छिड़काव करें। 21 बार “ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा” का जाप करें।
चंद्रमा
चंद्रदेव की कृपा पाने के लिए सोमवार के दिन थाली में 8 सुपारी रखें। मोरपंखों के नीचे अफेड धागा बांधकर थाली में रख लें। गंगाजल का छिड़काव करते हुए 21 बार “ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा” मंत्र का जाप करें।
अन्य ग्रहों के लिए उपाय
सप्ताह के अलग -अलग दिन ऐसे ही ग्रहों के अनुसार के मोरपंख के नीचे ग्रहों के रंग का धागा बंधे। थाली में सुपार लेकर गंगाजल का छिड़काव करें और मंत्र का जाप करें। ग्रहों के अनुसार सुपारी की संख्या, धागे का रंग और मंत्र नीचे दिया गया है:-
- मंगल- मंगलवार, 7 सुपारी, 7 मोरपंख और लाल रंग का धागा, मंत्र “ॐ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा’
- गुरु- बृहस्पतिवार, 5 सुपारी, 5 पीले रंग का धागा और मंत्र “ॐ बृहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा”
- बुध- बुधवार, 6 सुपारी, 6 मोरपंख, हरे रंग का धागा और मंत्र “ॐ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा।”
- शुक्र- शुक्रवार, 4 सुपारी, 4 मोरपंख गुलाबी रंग धागा और मंत्र “ॐ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा”
- राहु- शनिवार सूर्योदय से पहले, दो सुपारी, दो मोरपंख, भूरे रंग का धागा और मंत्र “ॐ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा”
- केतु- सूर्यास्त के बाद, एक मोर पंख, एक सुपारी और मंत्र “ॐ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा”
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यम पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)