Budhaditya/Neechbhang Rajyog 2024: ज्योतिष में बुध को ग्रहों का राजकुमार तो सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। जब भी यह दोनों ग्रह चाल बदलते है तो शुभ योग और राजयोग का निर्माण होता है।हाल ही में बुद्धि, तर्क, शिक्षा और संचार कौशल के कारक बुध ने मीन राशि में प्रवेश किया है और अब 14 मार्च को सूर्य भी मीन राशि में आ गए है, ऐसे में बुध सूर्य की युति से बुधादित्य राजयोग बन गया है। 1 साल बाद पहला मौका है जब गुरू की राशि मीन में सूर्य बुध की युति से राजयोग बना है, जिसका प्रभाव 25 मार्च तक रहेगा।मीन राशि बुध ग्रह की नीच राशि है, ऐसे में 15 मार्च को बुध उदय भी हो गए है ,ऐसे में नीच भंग नामक राजयोग का भी निर्माण हुआ है जिसका प्रभाव 26 मार्च तक रहेगा।
5 राशियों के लिए लकी साबित होंगे मीन राशि में बने ये 2 राजयोग
मीन राशि : बुध सूर्य की युति और बुधादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी ।धनलाभ के कई अवसर मिलेंगे। इस अवधि में आपकी सोची हुई योजनाएं सफल होंगी। समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। शादीशुदा लोगों का दांपत्य जीवन बढ़िया चलेगा। कार्यों में सफलता पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा।करियर के मामले में कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
तुला राशि : बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए बेहद शुभ होगा।इससे मकान, जमीन और प्रापर्टी में निवेश करने के अच्छे अवसर मिलेंगे। करियर में उन्नति और तरक्की के योग बनेंगे। धन कमाने के कई नए मौके मिलेंगे। विदेश जाने का मौका मिल सकता हैं।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।नीच भंग राजयोग से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। इसके साथ ही विदेश जाने का मौका मिल सकता है। व्यापार करने वालों को भी लाभ हो सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी सफलता मिल सकती है। सोशल मीडिया, ऑनलाइन से जुड़कर लोगों के लिए समय उत्तम रहेगा।
वृषभ राशि : बुध सूर्य युति और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। करियर में सफलता पाएंगे। व्यापार और नौकरी में धन लाभ होने की संभावना है। नौकरीपेशा को वेतनृद्धि और पदोन्नति का लाभ मिल सकता है।परिवार के साथ यात्रा पर जा सकते है। आय में वृद्धि के साथ नए- नए सोर्स बन सकते हैं। निवेश से लाभ के योग हैं। वहीं संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इस दौरान शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में अच्छा धनलाभ हो सकता है। निवेश से लाभ के योग बन रहे हैं। व्यापारी वर्ग कोई बड़ी व्यवसायिक डील पर साइन कर सकते हैं।
कर्क राशि : मीन राशि में बुधादित्य राजयोग का निर्माण जातकों के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला साबित होगा। नौकरी के लिए समय अनुकूल रहेगा, प्रमोशन के साथ वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है।व्यापार में धनलाभ भी हो सकता है ।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नीच भंग योग से जातकों को जबरदस्त धन लाभ मिल सकता है। शेयर मार्केट, स्टॉक मार्केट से लाभ मिलेगा। विदेश से जुड़कर कोई नया व्यापार करने में सफलता पा सकते है। फिल्म इंडस्ट्री, मॉडलिंग, सोशल मीडिया के क्षेत्रों वालों के लिए समय उत्तम रहेगा।
मकर राशि : बुधादित्य राजयोग से बाधाएं दूर होंगी और सफलता की प्राप्ति होगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। धनलाभ के नए सोर्स बन सकते हैं ।आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। कार्यों में सफलता पाएंगे।नीचभंग राजयोग से भाग्य चमकेगा । नौकरीपेशा को इंक्रीमेंट और पदोन्नति का लाभ मिल सकता है।अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार के लिए कई नए अवसर खुलेंगे। आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। विदेश यात्रा का भी सपना पूरा हो सकता है। पार्टनरशिप वाले बिजनेस में धनलाभ हो सकता है।
जानिए कुंडली में कब बनते है बुधादित्य और नीचभंग राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।यदि कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।यदि कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाला ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।यदि किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)