Budhaditya/Shukraditya Rajyog : ज्योतिष शास्त्र मुताबिक हर एक ग्रह एक निश्चित समय के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिससे शुभ योग-संयोग और राजयोग का निर्माण होता है।वर्तमान में दैत्यों के गुरू शुक्र और ग्रहों के राजकुमार बुध कर्क राशि में विराजमान है। वही ग्रहों के राजा सूर्य 16 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, ऐसे में कर्क राशि में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह की युति से 100 साल बाद 2 शुभ योग बन रहे हैं। इसमें सूर्य बुध की युति से बुधादित्य राजयोग और सूर्य शुक्र की युति से शुक्रादित्य राजयोग का निर्माण होगा, जो 4 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है।हालांकि यह राजयोग अल्प समय के लिए होगा, क्योंकि बुध 19 जुलाई को सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
4 राशियों पर जमकर बरसेगी राजयोग की कृपा
कन्या राशि : बुध सूर्य की युति और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आय में वृद्धि होगी और नए नए साधन बनेंगे। विद्यार्थियों को इस दौरान काफी अच्छे और बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में भी लाभ हो सकता है। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे होंगे। प्रतियोगिता परीक्षाओं में लाभ मिलने के योग हैं। इस अवधि में निवेश से लाभ हो सकता है।शुक्रादित्य राजयोग से नौकरी से जुड़ी कोई खुशखबरी मिल सकती है। बिजनेस में कोई बड़ी डील हासिल कर सकते है। व्यापार में निवेश से धन लाभ होगा। पुराने निवेश का धनलाभ हो सकता है।आय के नए आय स्रोत उत्पन्न हो सकते हैं।शेयर बाजार में भी आपको अच्छा लाभ हो सकता है।
कुंभ राशि : शुक्रादित्य और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। बिगड़े हुए सभी काम बनेंगे। परिवार के किसी सदस्य से शुभ समाचार भी मिलेगा। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। वाहन और प्रापर्टी का सुख प्राप्त हो सकता है।लाइफ स्टाइल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। मान सम्मान में अच्छी वृद्धि होगी। वैवाहिक जीवन में सब कुछ अच्छा रहेगा । जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर घूमने जाने की योजना बनाएंगे।
कर्क राशि : बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा । नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति और वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। समाज में मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा मिलने के योग हैं। शादीशुदा वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा। इस अवधि में नया काम शुरूकरने के लिए समय उत्तम रहेग । अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।शुक्रादित्य राजयोग से आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इस समय आपकी सोची हुई योजनाएं सफल होंगी। अधूरे कार्य पूरे होंगे। साथ ही पार्टनरशिप के काम में लाभ होगा।आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होगी। नौकरी और व्यापार में जबरदस्त तरक्की देखने को मिलेगी। नौकरी में पदोन्नति का भी लाभ मिल सकता है।
मिथुन राशि : शुक्रादित्य और बुधादित्य राजयोग लाभकारी साबित हो सकता है। व्यक्तित्व में निखार देखने को मिलेगा । किस्मत का साथ मिलेगा।नई नौकरी के अवसर मिल सकते है, प्रमोशन और वेतन वृद्धि के भी योग है।। करियर में उन्नति मिलेगी। मनोकामना पूरी हो सकती है।व्यापारियों को इस अवधि में अच्छा मुनाफा होगा ।पारिवारिक जीवन में अगर कोई परेशानी चल रही है तो वह खत्म हो जाएगी और सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी।कार्यों में सफलता पाएंगे।
तुला राशि: सूर्य-शुक्र की युति से जातकों को बेहद लाभ मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन के अलावा सैलरी भी बढ़ सकती है।बिजनेस करने वालों को मुनाफा बढ़ने के साथ-साथ व्यापार में विस्तार हो सकता है। नौकरी की तलाश करने वालों को इस दौरान अच्छा ऑफर मिलेगा। काम- कारोबार में खास तरक्की मिल सकती है। जो लोग बेरोजगार हैं, उनको नौकरी मिल सकती है।अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। इस समय आपके पिता के साथ संबंधों में मजबूती देखने को मिलेगी।
जानिए बुधादित्य/ शुक्रादित्य राजयोग के बारें में
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और शुक्र दोनों ग्रह एक साथ एक राशि में मौजूद हो तो शुक्रादित्य राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)