Mangal Shani Yuti: 30 साल बाद मंगल और शनि आएंगे एक साथ, इन 3 राशियों की होगी चांदी, बरसेगा पैसा, चमकेगा भाग्य

इस महीने शनि और मंगल की युति बनने जा रही है। इस प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आइए जानें ग्रहों की इस युति किन-किन राशियों को लाभ होगा और किसे नुकसान होगा?

Manisha Kumari Pandey
Published on -
Shani 2024

Mangal Shani Yuti 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का अपना विशेष महत्व होता है। शनि को क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। जिसकी  कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है, उसे जीवन में सफलता और धन लाभ के योग बनते हैं। जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मंगल को भूमि, शक्ति, भाई, ऊर्जा, साहस, पराक्रम और शौर्य का कारक माना जाता है। कुंडली में इसकी स्थिति मजबूत होने से व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। घर-परिवार में खुशहाली आती है। दोनों ग्रहों की युति 30 वर्षों बाद कुंभ राशि में बनने जा रही है। जिसके कारण विध्वंसक योग का निर्माण हो रहा है। मंगल और शनि की युति को शुभ नहीं माना जाता, लेकिन राशियों को इससे लाभ होगा। वहीं कुछ राशियों को सतर्क रहने की जरूरत है। मंगल 15 मार्च को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, यहां शनि पहले से विराजमान हैं। अप्रैल माह में के अंत तक इस युति का प्रभाव रहेगा।

इन राशियों को सतर्क रहने की जरूरत

मंगल और शनि की युति तुला, मकर, कन्या,  कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। जातकों को इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। सोच समझ कर उधार दें। क्रोध पर काबू रखें। विवाह में देरी हो सकती है। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद से बचें।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"