Parivartan Rajyog 2024: ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों और कुंडली का बड़ा महत्व माना जाता है। सभी ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं, जिसे ग्रह गोचर कहा जाता है। इस ग्रहों के राशियों में प्रवेश करने पर कई ग्रहों की युति बनती है और विभिन्न प्रकार के राजयोग का भी निर्माण होता है। नवंबर माह में दैत्यों के गुरु शुक्र धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं और गुरू वृषभ में विराजमान है, ऐसे में शुक्र गुरु के एक दूसरे की राशि में होने से परिवर्तन राजयोग का निर्माण होगा।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में मन के कारक गुरू वृषभ राशि में विराजमान है, जो कि शुक्र की स्व राशि है। वैभव सौंदर्य धन के दाता शुक्र 7 नवंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 28 दिसंबर तक यही रहेंगे।चुंकी धनु गुरू की राशि है, ऐसे में गुरु शुक्र के एक दूसरे की राशि में विराजमान होने से परिवर्तन राजयोग बनेगा, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है।
परिवर्तन राजयोग का राशियों पर प्रभाव
मेष राशि : शुक्र गुरू के प्रभाव से बना परिवर्तन राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। विदेश में व्यापार कर रहे जातकों को शानदार मुनाफा हो सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।लंबे समय से रुके काम पूरे हो सकते हैं। करियर के क्षेत्र में भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। व्यापार करने वाले जातकों को खूब लाभ मिल सकता है। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकता है।
मिथुन राशि : परिवर्तन राजयोग जातकों के लिए अत्यंत फल देने वाला साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। लव लाइफ अच्छी रहेगी। स्वास्थ्य के लिहाज से थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। दोस्तों और परिवारों के साथ अच्छा समय बीतेगा। नौकरी के कारण यात्राएं के योग बन सकते है। व्यापार के लिए समय अच्छा रहेगा। कारोबार में कुछ नया करने का प्लान कर सते है। शेयर मार्केट से जुड़े जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है।
मकर राशि : यह राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। अध्यात्म की ओर रुचि बढ़ेगी। करियर में सफलता मिलेगी। विदेश में नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। बिजनेस में खूब मुनाफा कमा सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर छोड़ा सजग रहें। आर्थिक मामलों में के लिए समय शानदार रहने वाला है। इस महीने निवेश से काफी अच्छा लाभ मिल सकता है।पार्टनर के साथ रिश्तों में समझ और सामंजस्य बेहतर होगा।
क्या होता है परिवर्तन राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, परिवर्तन राजयोग का निर्माण तब होता है, जब ग्रहों के स्वामी भाव का संयुक्त रूप से आदान-प्रदान होता है, यानि जब दो ग्रह आपस में अपने भावों का आदान-प्रदान करते हैं। ऐसा होने से केवल राशियों का आदान-प्रदान नहीं होता है, बल्कि ऊर्जा, प्रकृति और शक्ति का भी ।
- आमतौर पर, दोनों ग्रह जिस भाव में बैठे होते हैं, उसके महत्व को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। जब ग्रह अपने भाव में स्थित होते हैं, तो यह ग्रह जातक को मजबूत परिणाम देता है। साथ ही परिवर्तन योग में दोनों ग्रह एक समान व्यवहार करते हैं। जब ग्रह अपने भावों का आदान-प्रदान करते हैं, तो वे परस्पर पहलू की तरह आपस में जुड़े होते हैं।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)