2nd Chandra Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है ।खास करके धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना गया है। साल का पहला चन्द्र ग्रहण 14 मार्च फाल्गुन मास की पूर्णिमा होलिका दहन पर लगा था। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं दिया था और ना ही सूतक काल मान्य हुआ। अब साल का दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर में पितृपक्ष में लगेगा।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा। ये चंद्र ग्रहण 2024 की ही तरह पितृपक्ष में ही लगेगा।भारतीय समय के अनुसार इस ग्रहण का समय 7 सितंबर को 9:57 मिनट से लेकर 8 सितंबर की रात 12:23 मिनट तक रहेगा।खास बात यह है कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा ऐसे में सूतक काल मान्य होगा।भारत के अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका पर भी देखा जा सकेगा।

कब लगता है Chandra Grahan 2025?
- चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है, इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।
- पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
- आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ चांद का एक भाग पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा के धरती की तरफ वाले हिस्से पर धरती की छाया काली दिखाई देती है, कटा हिस्सा दिखाई देता है, तो वह इस पर निर्भर करता है कि किस प्रकार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हैं।
- उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान धरती की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। इस ग्रहण को देखना कुछ मुश्किल होता है।
मार्च में लगा था साल का पहला चन्द्र ग्रहण व सूर्य ग्रहण
- साल 2025 का पहला चंद्रग्रहण 14 मार्च पूर्णिमा होली के दिन लगा था। यह ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगा था।भारत को छोड़कर ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग यूरोप अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया व अंटार्कटिका में दिखाई दिया था।
- साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 चैत्र अमावस्या के दिन लगा था। यह मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में लगा था। यह भी भारत को छोड़कर यूरोप, एशिया के कुछ हिस्से, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर में दिखाई दिया था।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)