भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज नहाय खाय के साथ छठ पर्व (Chhath festival 2020) की शुरूआत हो गई। सूर्यदेव की आराधना का ये महापर्व 20 नवंबर को मनाया जाएगा। छठ सूर्य उपासना और छठी माता की उपासना का पर्व है। इस पूजा में छठी मईया के लिए व्रत किया जाता है। राजधानी भोपाल (Bhopal) में इस बार प्रशासन ने 41 स्थानों पर छठ पूजा के लिए व्यवस्था की है। इसके लिए स्थानीय घाटों के अलावा अस्थायी जलकुंड भी बनाए जा रहे हैं। कोरोना काल में पूजा के दौरान सामाजिक दूरी व मास्क लगाए जाने को लेकर विशेष एहतियात बरती जाएगी। इस दौरान बड़े तालाब में 2100 दीपों को प्रज्ज्वलित कर प्रवाहित किए जाएंगे।
छठ पूजा (Chhath pooja) 18 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगी। छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए भक्त 20 नवंबर की शाम पानी में उतरेंगे और फिर 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा। संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना की इच्छा से रखा जाने वाला कठिन व्रत है। कार्तिक मास की षष्टी को छठ मनाई जाती है। मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान पूजी जाने वाली छठी माता सूर्य भगवान की बहन हैं, इसीलिए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया को प्रसन्न किया जाता है। इस त्योहार के अनुष्ठान कठोर होते हैं और चार दिन तक मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है।