Coconut Ritual: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और इससे जुड़े कई नियम होते हैं। पूजा-पाठ के दौरान हम भगवान को फूल चढ़ाते हैं, भोग लगाते हैं और नारियल फोड़ते हैं। सनातन धर्म में हर पूजा-पाठ, मांगलिक-कार्य या किसी भी प्रकार के शुभ कार्य में नारियल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। यहां तक की शुभ कार्य की शुरुआत ही नारियल फोड़कर की जाती है। पूजा-पाठ में भोग लगाने का भी विशेष महत्व होता है। बिना भोग के पूजा-पाठ अधूरी मानी जाती है। कई बार लोगों के मन में नारियल को लेकर यह सवाल उठता है कि भगवान के सामने नारियल फोड़कर चढ़ाना चाहिए या साबुत नारियल चढ़ाना चाहिए। इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे की किस मंदिर में नारियल फोड़कर चढ़ाना चाहिए और किस में साबुत चढ़ाना चाहिए, तो चलिए जानते हैं।
श्रीफल/ नारियल का महत्व
नारियल से जुड़े नियमों के बारे में जानने से पहले हम नारियल के महत्व को जानेंगे। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। तब वे अपने साथ मां लक्ष्मी, नारियल वृक्ष और कामधेनु गाय को लेकर आए थे। श्रीफल में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए हर प्रकार के शुभ कार्य में नारियल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
जानें, नारियल से जुड़े नियम
- हिंदू शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि भगवान शंकर और श्री कृष्ण के मंदिर में नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए। यहां नारियल को प्रसाद के रूप में चढ़ाना चाहिए।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के सामने या इन देवी देवताओं के मंदिर में नारियल कभी भी फोड़कर नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल को घर से फोड़कर ले जाकर मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा साबुत नारियल भी चढ़ाया जा सकता है।
- वहीं, बाबा काल भैरव, हनुमान जी और माता रानी के मंदिर में नारियल को फोड़कर चढ़ाया जाता है। इन देवी देवताओं के मंदिरों में नारियल को बलि के तौर पर चढ़ाया जाता है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)