Sawan 2023 : सावन मास को हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए विशेष मान्यता होती है। इस मास में भक्त भगवान शिव की पूजा करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करते हैं। आज से सावन महीने की शुरुआत हो चुकी हैं। आज सावन का पहला दिन है। आज मंगलवार को त्रिपुष्कर योग और इन्द्र योग में इसकी शुरुआत हुई है। पहले दिन आप शिव-गौरी पूजा से अपने जीवन में अपार खुशियां पा सकते हैं। इस पूजा से आप पति की लंबी आयु, विवाह में देरी की समस्या, संतान सुख, अखंड सौभाग्य, सुखी दांपत्य जीवन या अन्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
दो चरण में मनाया जाएगा Sawan 2023
सावन का महीना इस बार दो चरणों में मनाया जा रहा है। पहले चरण में सावन 13 दिन यानी 4 जुलाई से 17 जुलाई तक चलेगा। जिसके बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास (मलमास) रहेगा। इसके बाद, 17 अगस्त को सावन फिर से शुरू हो जाएगा। दरअसल, इस बार सावन मास दो माह का होने वाला है जो बेहद खास और अद्भुत है। ऐसा करीब 19 साल बाद हो रहा है, इस वजह से इसे “महा सावन” या “वृषभ सावन” के नाम से जाना जाएगा।
सावन पहले दिन का मुहूर्त
सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 01:38 बजे तक है। सुबह 08:25 बजे तक पूर्वाषाढा नक्षत्र और उसके बाद से उत्तराषाढा नक्षत्र है। इसक अलावा आज सुबह 11:50 बजे तक इंद्र योग है, वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से कल सुबह 05:28 बजे तक मान्य है।
जानें कब और कितने है सावन सोमवार
- पहला सोमवार- 10 जुलाई
- दूसरा सोमवार- 17 जुलाई
- तीसरा सोमवार-24 जुलाई
- चौथा सोमवार-31 जुलाई
- पांचवा सोमवार- 07 अगस्त
- छठा सोमवार-14 अगस्त
- सातवां सोमवार-21 अगस्त
- आठवां सोमवार-28 अगस्त
मंगला गौरी व्रत
- पहला मंगला गौरी व्रत – 4 जुलाई 2023
- दूसरा मंगला गौरी व्रत – 11 जुलाई 2023
- तीसरा मंगला गौरी व्रत – 22 अगस्त 2023
- चौथा मंगला गौरी व्रत – 29 अगस्त 2023
मंगला गौरी शुभ मुहूर्त
मंगला गौरी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक है। शुभ चौघड़िया मुहूर्त की बात करें तो सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है और दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है।
मंगला गौरी पूजा
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
- अब इस पर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- आटे का दीपक जलाते हुए व्रत का संकल्प लें।
- फल, फूल, धूप और नेवैद्य से माता पार्वती की पूजा करें।
- पूजा के दौरान सुहाग का सामा, माला, फूल, फल, मिठाई समेत 16 चीजें समर्पित करें।
- आरती के साथ पूजा का समापन करें और क्षमा याचना करें।
- संतानहीन दंपत्ति भी इस पूजा से संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।
सावन सोमवार शिव पूजन विधि
- सुबह उठते ही स्नान करें और शुद्ध हो जाएं। यह आपको शुद्धता और पवित्रता की भावना देगा।
- एक विशेष पूजा स्थान तैयार करें जहां आप भगवान शिव की पूजा करेंगे। इसमें पूजा तालिका, धूप, दीप, पुष्प, गंगाजल आदि शामिल हो सकते हैं।
- भगवान शिव की मूर्ति को पूजा स्थान पर स्थापित करें। आप शिवलिंग, पार्वती माता और गणेश जी की मूर्तियों को भी स्थापित कर सकते हैं।
- सावन सोमवार पर शिव चालीसा का पाठ करें। यह चालीसा भगवान शिव की महिमा और कृपा को प्रकट करने का एक उत्कृष्ट उपाय है।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अर्चना करें। गंगाजल, दूध, दही, घी, मधु, शहद, बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि का अर्चन कर सकते हैं।
- “ॐ नमः शिवाय” और अन्य भगवान शिव के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप आपको ध्यान, शांति और आनंद की अनुभूति कराता है।
- भगवान शिव को पुष्प, धूप, दीप आदि से अर्चना करें। आप अपनी भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति करने के लिए अपनी प्रिय चीज़ों को भी अर्पित कर सकते हैं।
- आपकी पूजा के बाद भगवान शिव के सामीप्य में बने रहें और अपनी विनती, प्रार्थना और मांगों को उन्हें सौंपें।