Hariyali Amavasya 2024: इन उपायों से करें पितरों को प्रसन्न, दूर होगा पितृ दोष

Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पितृ पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं।

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Hariyali Amavasya 2024: पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। लेकिन, कुंडली में पितृ दोष होने पर व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हरियाली अमावस्या, पितरों को श्रद्धांजलि देने का एक विशेष दिन होता है। इस दिन कुछ सरल उपायों के द्वारा पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। मान्यता है कि इन उपायों से पितृ दोष दूर होता है और व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हरियाली अमावस्या पर किए गए पितृकर्मों से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और उसे हर कार्य में सफलता मिलती है।

कब है हरियाली अमावस्या

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार हरियाली अमावस्या 04 अगस्त, 2024 को मनाई जा रही है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु के नामों का जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक क्रियाओं और तपस्वियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर आप भी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और जाप करें, तो यह दिन आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति ला सकता है।

हरियाली अमावस्या पर पौधे लगाने का महत्व

हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना विशेष महत्व रखता है, खासकर पीपल का पौधा। मान्यता है कि पीपल का पेड़ देवताओं का निवास होता है और इसे लगाने से पितरों को शांति मिलती है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए किसी खुले स्थान या जंगल में पीपल का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इस पौधे में जल चढ़ाना और इसकी परिक्रमा करने से पितृ दोष दूर होता है। इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसमें काले तिल डालने से भी पितर प्रसन्न होते हैं। ये सभी उपाय पितरों को शांति प्रदान करते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।

पितृ दोष निवारण के उपाय

हरियाली अमावस्या पितरों को श्रद्धांजलि देने का सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है। इस दिन पितरों के निमित्त पिंडदान, दान-पुण्य और तर्पण करना पितृ दोष निवारण का सबसे प्रभावी उपाय है। यदि ये सभी कर्म करना संभव न हो तो पितृसूक्त, पितृ कवच या पितृ गायत्री का पाठ करना भी लाभदायक होता है। इसके अतिरिक्त, काले तिल का दान करना भी कुंडली के बुरे प्रभावों को कम करने में सहायक होता है। इन उपायों से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी आती है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

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