Hindu Beliefs : वैसे तो धर्म ग्रंथों में सभी नदियों को बेहद पवित्र माना गया है। लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा पवित्र गंगा नदी को माना गया है। दरअसल आप सभी ने गंगाजल का इस्तेमाल तो किया ही होगा। वहीं यह भी सुना होगा कि नदी में अस्थियां विसर्जन की जाती है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों किया जाता है इसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं होगी। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर सर्च गंगा नदी में ही क्यों अस्थियां विसर्जित की जाती है? दूसरी नदियों में क्यों नहीं? तो चलिए जानते हैं –
Hindu Beliefs : ऐसी है पौराणिक कथा
गंगा नदी का हिंदू धर्म ग्रंथों में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। गंगा नदी के जल का इस्तेमाल भगवान के अभिषेक के साथ-साथ घर को शुद्ध करने के लिए भी किया जाता है। वहीं गंगा में ही अस्थियां विसर्जित की जाती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी मौजूद है। कहा जाता है कि गंगा नदी को श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त है। श्रीकृष्ण ने गंगा नदी को वरदान दिया था। गंगा में अस्थियां विसर्जित करने वाले हर परिवार पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहेगी और किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि अस्थियां में मौजूद हड्डियां गंगा नदी में जितने दिन तक तैरती है उतने दिन तक मृत आत्मा को कृष्ण के गोलोक धाम में निवास करने की अनुमति रहती है। इतना ही नहीं मान्यताओं के मुताबिक यह भी कहा जाता है कि अगर गंगा नदी में अस्थियां विसर्जित की जाती है तो मृत आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। दरअसल स्वर्ग से ही मां गंगा धरती पर आई थी। इसी वजह से गंगा में अस्थियां बहाने का रिवाज शुरू हुआ। जब भी गंगा में अस्थियां बहाई जाती है तब मृत आत्मा स्वर्ग का आनंद उठाती है।
वैज्ञानिक कारण
हालांकि गंगा नदी में अस्थियां विसर्जित करने का वैज्ञानिक कारण भी मौजूद है। दरअसल हस्तियों में हड्डियां भी मौजूद होती है और हड्डियां कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर मानी जाती है। ऐसे में कैल्शियम और फास्फोरस की मदद से गंगा के पानी का फर्टिलिटी पावर भी अधिक बढ़ जाता है। इस पानी से भूमि उपजाऊ होती है। वहीं जीवों को भी काफी ज्यादा ताकत मिलती है और जीवों का स्वास्थ्य भी पोषक तत्व वाले पानी से बेहद अच्छा रहता है। इसलिए यह भी कहा जाता है कि गंगा नदी में मौजूद जीवो को जीवित रखने के लिए और भूमि को उपजाऊ बनाए रखने के लिए ही अस्थियां विसर्जित की जाती है।