जन्माष्टमी पर इन चीजों के बिना अधूरा होता है कान्हा का शृंगार, जानें श्रीकृष्ण की पूजा का सही नियम

Manisha Kumari Pandey
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इस साल 19 अगस्त को जन्माष्टमी (Janmashtami) का व्रत रखा जाएगा। शस्त्रों के अनुसार घरों में कल ही पूजा होगी। हिन्दू में धर्म जन्माष्टमी बहुत खास होता है। लोग हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं। भोग, सजावट और पूजा की तैयारियों में कोई कमी ना हो इसका भी ख्याल रखते हैं। कुछ चीजें ऐसी है जिसका बहुत महत्व होता है। बाजारों में लड्डू गोपाल के अलग-अलग प्रकार के पोशाक मिलते हैं। उनके शृंगार के लिए पगड़ी, गहने और कई अन्य वस्तुएं भी मिलती है। शस्त्रों के अनुसार कुछ ऐसी चीजें है, जिसके बिना कान्हा का शृंगार अधूरा माना जाता है। आइए जानें ऐसी कौन-सी चीज है, जिसका कान्हा के शृंगार में शामिल होना जरूरी होता है।

बाँसुरी से घर में फैलेगी मधुर ध्वनि

ऐसी मान्यता है की कान्हा का शृंगार बाँसुरी के बिना अधूरा होता है। बाँसुरी का वर्णन पौराणिक कथाओं में भी है। ऐसा माना जाता है की बाँसुरी में राधा और कृष्ण का वास होता है। चांदी की बाँसुरी चढ़ाना जन्माष्टमी के दिन बहुत शुभ होता है।

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वैयजंती माला है जरूरी

जन्माष्टमी के दिन कृष्ण का शृंगार हमेशा मनमोहक होता है। मंदिर हो या घर, दोनों ही स्थानों पर कृष्ण का शृंगार कुंडल, बाजूबंध, हाथ के कड़े, पायल कमरबंध, कान बालियों और अन्य आभूषणों से किया जाता है। लेकिन इसमें से सबसे खास होता है वैयजंती माला। कहा जाता है की वैयजंती माला श्रीकृष्ण का पसंदीदा है।

चंदन को ना भूलें

श्रीकृष्ण का शृंगार चंदन के बिना अधूरा होता है। मान्यता है की श्रीकृष्ण को सुगंधित चंदन बहुत प्रिय है। जन्माष्टमी की पूजा के दौरान लाल, पीला, सफेद, गोमती, हरित और अन्य कई प्रकार के चंदनों का उपयोग किया जाता है। लेकिन इनमें से सबसे अच्छा और शुभ गोपी चंदन होता है।

पीले वस्त होते हैं कान्हा के प्रिय

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का अवतार है। भगवान विष्णु की तरफ कृष्ण को पीले रंग के वस्त्र बहुत पसंद है। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा पर श्रीकृष्ण का शृंगार पीले रंग के वस्त्रों से करें।

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मोरपंख को जरूर करें शामिल

श्रीकृष्ण मोरपंख के बिना अधूरे माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं में भी कृष्ण के जीवन में मोर पंख का खास स्थान बताया गया है। मोरपंख को प्रेम का प्रतीक माना जाता। इससे जुड़ी सनी कथाएं भी प्रचलित हैं।

पूजा का नियम

यदि आप घर में जन्माष्टमी की पूजा कर रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। श्रीकृष्ण का स्नान करवाते समय पानी में तुलसी के पत्ते डाल दें। फिर शंख में जल भर कान्हा का स्नान करवाना चाहिए। हमेशा बाल गोपाल को साफ और नए कपड़े पहनाएं। पूजा के बाद बाल गोपाल को अकेला ना छोड़े।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। हम इन बातों का दावा नहीं करते हैं। कृपया विद्वानों की सलाह जरूर लें।


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